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गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का लंबी बीमारी के बाद 85 की उम्र में निधन,मणिपाल अस्पताल में ली आखिरी सांस

गुर्जर आरक्षण समिति के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का लंबी बीमारी के चलते 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने राजस्थान के मणिपाल अस्पताल में आखिरी सांस ली। कर्नल बैंसला के निधन की खबर उनके बेटे विजय बैंसला ने एक ट्वीट कर दी है।

गुर्जर आरक्षण समिति के नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का लंबी बीमारी के चलते 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने राजस्थान के मणिपाल अस्पताल में आखिरी सांस ली। कर्नल बैंसला के निधन की खबर उनके बेटे विजय बैंसला ने एक ट्वीट कर दी है।

1962 में भारत और चीन युद्ध और 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई जंग में अपनी बहादुरी का परिचय देने वाले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। वह पिछले काफी दिनों से लंबी बीमारी से जूझ रहे थे। कर्नल बैंसला ने राजस्थान के जयपुर स्तिथ मणिपाल अस्पताल में अंतिम सांस सांस ली।

गुर्जर समुदाय के अगवा रहे बैंसला

कर्नल बैंसला राजस्थान में गुर्जर समुदाय के आरक्षण के लिए लगभग दो दशक तक सरकारों के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहे। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को सेना में अपनी शानदार छवि के साथ गुर्जरों के अधिकारों के लिए संघर्ष में अगुवा के रूप में जाना जाता है। इससे पहले सांस लेने में दिक्क्त के कारण उन्हें जयपुर के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था। कर्नल बैंसला दो बार कोरोना पॉजिटिव हो चुके थे। राजस्थान में जब भी गुर्जर आंदोलन की बात होती है तब कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का नाम सबसे पहले आता है।

जन्म

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के एक आवाज पर पुरे राजस्थान का गुर्जर समुदाय एकजुट हो जाता था। बैंसला ने लगभग दो दशक तक राजस्थान के गुर्जरों के अधिकारों के लिए आंदोलन किए।

जिंदगी का सफर

किरोड़ी सिंह बैंसला का जन्म राजस्थान के करौली जिला के मुंडिया गांव में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बतौर शिक्षक की थी लेकिन पिता के भारतीय सेना में होने के कारण उनका रुझान आर्मी की तरफ हो गया। वह राजपुताना राइफल्स रेजिमेंट में एक सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। सेना में रहते हुए उन्होंने कमीशन लिया और कर्नल रैंक तक की सेवा दी। उन्होंने 1962 में भारत-चीन और 1965 में भारत-पाक युद्धों में बहादुरी का परिचय देते दुश्मनों के दांत खट्टे किए।

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