चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जाँच के लिए आंतरिक कमेटी का किया गया गठन। देश के दूसरे नंबर के जस्टिस एस ए बोबडे करेंगे जाँच।
यौन उत्पीड़न का आरोप
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों आंतरिक जांच के लिए मंगवार को एक कमेटी का गठन किया गया। जस्टिस एस ए बोबडे की अध्यक्षता में होगी जांच। कमेटी के सदस्य जस्टिस एनवी रमन और जस्टिस इंदिरा बेनर्जी होंगे।
जस्टिस रंजन गोगोई
जस्टिस एस ए बोबडे वरिष्ठता के आधार पर जस्टिस रंजन गोगोई के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं। नंबर दो पर होने के कारण चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने खुद जस्टिस एस ए बोबडे को सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी द्वारा उनपर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जाँच के लिए नियुक्त किया।समिति में जस्टिस एनवी रमन और जस्टिस इंदिरा बनर्जी को भी शामिल किया गया। न्यायमूर्ति एनवी रमन वरिष्ठता में तीसरे नंबर पर हैं और इंदिरा बनर्जी को महिला न्यायाधीश होने के नाते समिती में नियुक्त किया गया।
जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए
इससे पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को ख़ारिज करते हुए कहा था कि मुझे नही लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए। साथ में उन्होंने ये भी कहा था कि न्यायपालिका खतरे में है। अगले हफ्ते कुछ महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है। इसलिए जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए हैं। उन्होने कहा था कि ये उनके बीस साल के कार्यकाल का इनाम है ? पैसों के बारे में उन्होंने कहा था कि उनके खाते में 680000 रूपये हैं जिसको कोई भी चेक कर सकता है।
चीफ जस्टिस गोगोई ने कहा कि जिस महिला ने यह आरोप लगाया है ,वह चार दिन जेल में भी रह चुकी है। महिला ने किसी शख्स को सुप्रीम कोर्ट में नौकरी दिलाने का झांसा देकर पैसे लिए थे। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर आरोप लगाने वाली महिला उच्चतम न्यायालय की पूर्व कर्मचारी है। आरोप लगाने वाली महिला ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर आरोप के शपथपत्र की प्रतियां भेजी थी। जिसके बाद ये मामला प्रकाश में आया।