कोरोना संक्रमण के शुरुआत से ही इसकी उत्पत्ति को लेकर सवाल उठने लगे हैं। दुनिया के कई देशों ने चीन पर इसे अपनी लैब में तैयार करने के आरोप लगाए हैं। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे ‘चीनी वायरस’ करार दिया था।
कहां से हुई कोरोना की उत्पत्ति ?
अब अमेरिका और ब्रिटेन कोरोनावायरस की संभावित उत्पत्ति की गहराई से जांच करने को लेकर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन पर लगातार दबाव बना रहे हैं। दोनों बड़े देशों का मानना है कि कोविड-19 की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए डब्ल्यूएचओ की टीम को चीन के लिए नए सिरे से दौरा करना चाहिए। चीनी विशेषज्ञों ने बीते मार्च में एक रिपोर्ट जारी करके इस महामारी के उत्पन्न होने की चार संभावनाओं की जानकारी दी थी।
टीम की रिपोर्ट
शोधकर्ताओं जॉइंट टीम का मानना है कि प्रबल आशंका है कि कोरोनावायरस चमगादड़ से किसी अन्य जानवर के माध्यम से इंसान में प्रवेश कर गया। यह संभावना बेहद कम है कि यह वायरस किसी लैब में तैयार किया गया।
जेनेवा में अमेरिकी मिशन ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा था कि कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर संयुक्त टीम की ओर से की गई पहले चरण की जांच अपर्याप्त और अनिर्णायक है । इसलिए तय समय के अंदर पारदर्शी तरीके से विशेषज्ञों के नेतृत्व में साक्ष्य आधारित दूसरे चरण की जांच की जानी चाहिए। इसीलिए दोबारा चीन का दौरा किया जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि भारत ने कोविड-19 की उत्पत्ति को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन की अगुवाई में शुरू वैश्विक अध्ययन को पहला महत्वपूर्ण कदम बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इसके बारे में ठोस निष्कर्ष तक पहुंचने, आगे के आंकड़े जुटाने के लिए अगले चरण का अध्ययन बहुत जरूरी है।
अमेरिका और अन्य देशों ने उठाए सवाल
मार्च महीने में डब्ल्यूएचओ ने कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन के वैज्ञानिकों के साथ संयुक्त रूप से लिखी गई एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसमें कहा गया था कि इसके किसी प्रयोगशाला में शुरू होने की संभावना बहुत कम है, डब्ल्यूएचओ की विशेषज्ञों द्वारा चीन में महामारी के केंद्र वुहान सहित अन्य स्थानों पर अभियान के संचालन के तौर-तरीकों तथा महामारी के केंद्र वुहान से बीजिंग में पर्याप्त सहयोग की कमी को लेकर अमेरिका और कुछ अन्य देशों ने चिंता जताई। रिपोर्ट के अनुसार डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने इस पर सहमति व्यक्त की है कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर आगे की जांच होना आवश्यक है।
19 साल की उम्र में हुआ था लेडी गागा का यौन उत्पीड़न,अब दर्द किया बयाँ
अमेरिकी ख़ुफ़िया रिपोर्ट में खुलासा
एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट में यह नया खुलासा किया गया है कि कोरोना महामारी फैलने से पहले ही वुहान इंस्टीट्यूट आफ वायरोलॉजी के तीन शोधकर्ता बीमार पड़े थे। रिपोर्ट के अनुसार यह शोधकर्ता नवंबर 2019 में बीमार पड़े थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती करना पड़ा था। अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जनरल ने यह खुलासा किया है। रिपोर्ट में वुहान लैब के बीमार पड़े हुए शोधकर्ताओं की संख्या उनके बीमार पड़ने के समय और अस्पताल जाने से जुड़ी अन्य विस्तृत जानकारियां हैं ।