यूनाइटेड किंगडम की Pfizer और जर्मनी की बायोटेक्नोलॉजी पार्टनर BioNTech द्वारा संयुक्त रूप से विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन ने भारत में आयात करने के लिए आवेदन किया है।
अमेरिकी फार्मा दिग्गज फाइजर ने भारत के ड्रग रेगुलेटर -ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी मांगी है। Coronavirus वैक्सीन यूनाइटेड किंगडम और बहरीन में रोल आउट होने के लिए तैयार है। डीसीजीआई द्वारा घातक वायरस के लिए वैक्सीन खोजने की दौड़ के बीच यह पहला ऐसा अनुरोध है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, 4 दिसंबर 2020 को सौंपे गए अपने आवेदन में फाइजर इंडिया ने न्यू ड्रग्स एंड क्लिनिकल ट्रायल रूल्स, 2019 के तहत विशेष प्रावधानों के अनुसार भारतीय जनसंख्या पर नैदानिक परीक्षणों की छूट के अलावा, “देश में बिक्री और वितरण के लिए वैक्सीन आयात करने की मंजूरी मांगी है।
भारत में किसी भी वैक्सीन को भंडारण करने के लिए कम से कम 2 से 8 डिग्री सेल्सियस तापमान चाहिए होता है। कुछ दवाओं को माइनस 20 डिग्री तक भी स्टोर किया जाता है। जबकि pfizer वैक्सीन को स्टोर करने के लिए माइनस 70 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। अब सवाल ये है कि pfizer कोरोना वैक्सीन को देश में इजाजत मिल सकती है या नहीं।
डीसीजीआई के नियमों के अनुसार जिस दवा का देश में ट्रायल नहीं हुआ हो,उसे मंजूरी नहीं मिल सकती। लेकिन वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत में कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिल सकती है। क्योंकि भारत दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा कोरोना वायरस प्रभावित देश है। जैसा की पहले बता चुके हैं,Pfizer वैक्सीन को स्टोरेज करने के लिए -70 डिग्री तापमान की जरूरत होती है। फ़िलहाल भारत में ऐसी सुविधा नहीं है,ऐसे में मंजूरी देने से क्या फायदा होगा?
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