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धन शोधन मामले में ईडी ने झारखंड की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल से जुड़े चार्टर्ड अकाउंटेंट को किया गिरफ्तार

प्रवर्तन निदेशालय ने हाल ही में झारखंड की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया था। अब ED ने इसी मामले में झारखंड के कनिष्ठ अभियंता राम बिनोद प्रसाद सिन्हा को PMLA के तहत गिरफ्तार किया है।

झारखंड के खूंटी जिला में मनरेगा कोष की कथित हेराफेरी से संबंधित मामले में ईडी ने शनिवार के दिन धन शोधन अधिनियम के तहत चार्टर्ड अकाउंटेंट को अरेस्ट किया है। ईडी के अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में राज्य की खनन सचिव और आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और अन्य के ठिकानों पर धाड़ मारी गई थी।

विभिन्न जगहों पर छापेमारी

अधिकारियों ने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार को रांची में शाम करीब 5:00 बजे पीएमएलए के तहत हिरासत में लिया है। ईड़ी का आरोप है कि इस मामले में छापेमारी करने के बाद रांची में उनके परिसर से कथित तौर पर 17.79 करोड रुपए की नगदी बरामद के संबंध में सीए सवालों का जवाब देने में टालमटोल कर रहा था।

पूजा सिंघल के परिवार से जुड़ा है सीए

प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट को एक स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा। जहां ईडी उनकी हिरासत की मांग करेगा। ED का आरोप है कि सुमन कुमार का आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल और उनके परिवार से संबंध है। वह उनके वित्तीय सलाहकार भी रह चुके हैं। जांच एजेंसी ने 6 मई को झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और जयपुर सहित कई जगहों पर छापेमारी की थी। इस दौरान 19.13 करोड रुपए की नगदी जब्त की गई थी। छापेमारी के दौरान पूजा सिंघल का प्राथमिक बयान भी दर्ज किया गया था।

छापेमारी जिस धन शोधन के मामले में की जा रही है। वह झारखंड के जूनियर इंजीनियर राम बिनोद प्रसाद सिन्हा के खिलाफ ईडी द्वारा पीएमएलए के तहत दर्ज मामले से जुड़ा है। धन शोधन मामले के तहत मामला दर्ज होने के बाद बिनोद प्रसाद सिन्हा को 17 जून 2020 को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिला से ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था।

सिन्हा के खिलाफ आईपीसी की धाराएं

बिनोद प्रसाद सिन्हा पर 2017 में आईपीसी की अपराधिक धाराओं के तहत धोखाधड़ी भ्रष्टाचार से संबंधित कई अपराधिक धाराओं के तहत 1 अप्रैल 2008 से लेकर 21 मार्च 2011 तक कनिष्ठ अभियंता रहते हुए सार्वजनिक धन के कथित रूप से हेरफेर और इसे अपने नाम के साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर निवेश करने के लिए मामला दर्ज किया था। जांच एजेंसी ने पहले कहा था कि उक्त धनराशि खूंटी जिला में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम के तहत सरकारी परियोजनाओं के निष्पादन के लिए निर्धारित की गई थी। भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी 2000 बैच की पूजा सिंघल पहले खूंटी जिला में उपायुक्त के पद पर तैनात थी।

पश्चिम बंगाल में हुई गिरफ्तारी

केंद्रीय जांच एजेंसी ने पहले कहा था कि दिसंबर 2018 में सिन्हा के खिलाफ आरोप पत्र तय किया गया और रांची की एक स्पेशल कोर्ट ने बाद में उसे पेश होने के लिए समन जारी किया। जिसका सिन्हा ने सम्मान नहीं किया। कोर्ट ने तब सिन्हा के खिलाफ एक गैर जमानती वारंट जारी किया। जिसके आधार पर प्रवर्तन निदेशालय ने उसके खिलाफ तलाशी अभियान शुरू किया और पश्चिम बंगाल में उसके निवास से उसकी गिरफ्तारी की।

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