Gaganyaan G1 Mission: दिसंबर में होगा लॉन्च, इसरो चेयरमैन ने की पुष्टि

Gaganyaan G1 Mission Launch Date: ISRO के चेयरमैन डॉ वी नारायणन ने गगनयान के पहले मानव रहित टेस्ट फ्लाइट मिशन G1 के लॉन्च की पुष्टि की।

ISRO के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन का एलान

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने हाल ही में गगनयान कार्यक्रम के पहले अनक्रूड (बिना मानव के) टेस्ट फ्लाइट मिशन G1 के लॉन्च की तारीख की पुष्टि की है। यह मिशन दिसंबर 2025 के पहले सप्ताह में लॉन्च होने की योजना है। जिसमें 1 दिसंबर को “नो अर्लियर थैन” (NET) डेट के रूप में लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

Gaganyaan G1 Mission News

ISRO चेयरमैन डॉ. वी. नारायणन ने बेंगलुरु में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि गगनयान G1 मिशन का 90% काम पूरा हो चुका है और यह दिसंबर के पहले सप्ताह में लॉन्च के लिए तैयार है। यह पुष्टि 23-24 अक्टूबर 2025 को हुई, जो वर्तमान तारीख (24 अक्टूबर 2025) के करीब है।

Gaganyaan G1 Mission

यह डेट इसलिए चुनी गई है क्योंकि हाल ही में कई महत्वपूर्ण टेस्ट सफलतापूर्वक पूरे हो चुके हैं।

  • क्रू मॉड्यूल के साथ एस्केप सिस्टम का टेस्ट
  • पैराशूट मॉड्यूल, कम्युनिकेशन सिस्टम और अन्य सबसिस्टम्स के परीक्षण
  • इन टेस्ट्स के बाद मिशन को लो अर्थ ऑर्बिट (कम पृथ्वी कक्षा) में भेजने के लिए पर्याप्त तैयारियाँ हो गई हैं। दिसंबर का चयन इसलिए भी है क्योंकि यह वर्ष के अंत तक मिशन को समय पर पूरा करने का लक्ष्य है, जो 2027 में क्रूड मिशन के लिए आधार तैयार करेगा।

Gaganyaan G1 Mission लॉन्च पैड

स्पेस कैलेंडर और अन्य स्रोतों के अनुसार, लॉन्च वाहन LVM-3 (लॉन्च व्हीकल मार्क-3) का उपयोग होगा, और सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा। यह “नेट दिसंबर 1” के रूप में प्लान्ड है, लेकिन मौसम या अंतिम चेक के आधार पर थोड़ा बदलाव संभव है।

Gaganyaan G1 Mission क्या है

गगनयान भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है, जिसकी घोषणा 15 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इसका लक्ष्य 2027 तक तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजना और सुरक्षित वापस लाना है।

यह अनक्रूड टेस्ट फ्लाइट है, यानी इसमें कोई मानव नहीं होगा। मिशन का मुख्य उद्देश्य अंतरिक्ष यान की सभी सिस्टम्स (जैसे जीवन समर्थन, नेविगेशन, एस्केप सिस्टम) को मानव-मुक्त वातावरण में टेस्ट करना है। यह क्रूड मिशन से पहले का आखिरी बड़ा टेस्ट होगा।

Gaganyaan G1 Mission वायोमित्र रोबोट

मिशन में “वायोमित्र” नामक हाफ-ह्यूमनॉइड रोबोट उड़ान भरेगा। यह रोबोट मानव की नकल करेगा, जैसे सेंसर चेक करना, डेटा कलेक्ट करना और स्पेसक्राफ्ट के अंदर कार्य करना। वायोमित्र संस्कृत शब्द “मित्र” (दोस्त) से प्रेरित है, जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सहायक का काम करेगा।

Gaganyaan G1 Mission: ऑर्बिट ,अवधि और टीम

  • ऑर्बिट : लो अर्थ ऑर्बिट (लगभग 400 किमी ऊँचाई
  • अवधि : कुछ दिनों की उड़ान, उसके बाद पृथ्वी पर सुरक्षित लैंडिंग।
  • टीम : ISRO के 20,000 कर्मचारी, 450 औद्योगिक पार्टनर और 300 शैक्षणिक संस्थान शामिल हैं।

Gaganyaan G1 Mission की ISRO के चेयरमैन ने की पुष्टि

डॉ. वी. नारायणन ने कहा, “G1 मिशन दिसंबर में लॉन्च होगा और यह भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में मील का पत्थर साबित होगा।” उन्होंने 2027 के पहले क्रूड मिशन के लिए भी समयसीमा दोहराई।

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