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फिल्मी स्टाइल में ट्रेनों में लूटमार करने वाला गिरोह फास्ट टैग की वजह से पकड़ा गया

मध्य प्रदेश पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। एमपी पुलिस ने ट्रेन में लूटमार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह ग्रुप 5 रूपये के सिक्के की मदद से सिग्नल को रेड कर देता था और उसके बाद ट्रेन में घुसकर लूटमार करता था।

मध्य प्रदेश पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। एमपी पुलिस ने ट्रेन में लूटमार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह ग्रुप 5 रूपये के सिक्के की मदद से सिग्नल को रेड कर देता था और उसके बाद ट्रेन में घुसकर लूटमार करता था।

एमपी इंदौर जीआरपी ने एक्सप्रेस में ट्रेन में चोरी और लूटमार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपी गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान सहित लंबी दूरी की ट्रेन में लूटमार करते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से 500 ग्राम सोना और लूट का अन्य सामान बरामद किया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने लूटमार करने के जिस तरीके का खुलासा किया है उसको सुनकर आप चौंक जाएंगे।

ऐसे देते थे वारदात को अंजाम 

पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि 5 रूपये के सिक्के की मदद से हो रेल को रोककर वारदात को अंजाम देते थे। जीआरपी के एसीपी राकेश खाका ने बताया कि आरोपी सोच समझकर सिर्फ दक्षिण भारत की तरफ जाने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को निशाना बनाते थे। दरअसल हर रेलवे स्टेशन पर बनी रेल की पटरी के बीच बैरिकेट्स बने होते हैं। यहां लोहे की रॉड या 5 रूपये का सिक्का डालने से सिग्नल ग्रीन रेड हो जाता है।

हाईवे के पास रेलवे क्रॉसिंग पर कोई गार्ड नहीं होता है। गिरोह ट्रेन के आने से पहले यहां पहुंच जाता था और सिग्नल रेड  कर देते थे। शातिर अपराधी सिग्नल ग्रीन होने से पहले वारदात को अंजाम देकर लूटमार करके भाग जाते थे। रेलवे के आउटर में लगातार हो रही वारदातों के बाद जीआरपी को घटनास्थल के पास गाड़ी होने के पुख्ता सबूत मिले। जिसके बाद जीआरपी ने कई टोल प्लाजा के सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इसमें गाड़ी फास्टटैग होने के कारण टोल से तेजी से निकल गई। जबकि इस में बैठे हुए गिरोह के सदस्यों के चेहरे नजर नहीं आए।

इस तरह पकड़े गए अपराधी 

ट्रेन में लूटमार के बाद जिस कार में आरोपी होने की संभावना थी। वही कार राजस्थान, गुजरात और औरंगाबाद वाली घटनाओं के दिन भी मध्य प्रदेश के अंदर अलग-अलग टोल प्लाजा से गुजरी थी। इससे पुलिस की शक की सुई उस कार की तरफ गई। कार पर लगे फास्ट टैग की जानकारी से पुलिस ने आरोपी का मोबाइल नंबर ट्रैक किया। इसके बाद जानकारी मिली कि यह दीपक नाम के एक शख्स का मोबाइल है। वारदात को अंजाम देने में दीपक का काम गाड़ी चलाने का था। दीपक के अलावा राहुल वाल्मीकि, सोनी बाल्मीकि और छोटू ट्रेन में घुसकर वारदात को अंजाम देते थे। पुलिस ने सभी चारों आरोपियों को हरियाणा के टोहाना से अरेस्ट किया है। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

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