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COVID 19 दवाओं की जमाखोरी मामले में गौतम गंभीर को दिल्ली हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत

दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश रजनीश भटनागर ने इस मामले में दिल्ली ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी। अगली सुनवाई तक कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है।

दिल्ली हाई कोर्ट के न्यायाधीश रजनीश भटनागर ने इस मामले में दिल्ली ड्रग कंट्रोलर अथॉरिटी से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले की अगली सुनवाई 8 दिसंबर को होगी। अगली सुनवाई तक कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है।

हाई कोर्ट ने सोमवार के दिन भारतीय जनता पार्टी के सांसद और पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और उनके फाउंडेशन तथा अन्य के खिलाफ कोरोनावायरस महामारी के इलाज में काम आने वाली दवाओं के कथित अवैध भंडारण और वितरण से संबंधित एक केस में ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

अगली सुनवाई 18 दिसंबर को 

जस्टिस रजनीश भटनागर ने गौतम गंभीर फाउंडेशन, खुद गौतम गंभीर और अन्य पर आपराधिक शिकायत के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली ड्रग कंट्रोल अथॉरिटी से जवाब मांगते हुए मामले की सुनवाई 8 दिसंबर तय की है। निचली अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ सम्मन जारी कर तलब किया था। वहीँ,निचली अदालत ने साथ में कहा था कि तब तक कानूनी कार्यवाही पर रोक लगाई जाती है। इस दौरान ड्रग कंट्रोल विभाग ने गौतम गंभीर फाउंडेशन और उसके सीईओ अपराजिता सिंह, सीमा गंभीर और नताशा गंभीर के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक कानून की धारा18 सी और 27b 2 के तहत मामला दर्ज कराया है।

आपको बता दें, याचिकाकर्ता ने कहा है कि उनके खिलाफ गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया है और उनमें नई दवाओं की जमाखोरी नहीं की है। वही याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए सीनियर अधिवक्ता ए एन एस नाडकर्णी ने कहा कि उनके मुवक्किलों के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है। क्योंकि फाउंडेशन एक स्वास्थ्य शिविर के माध्यम से  कोरोनावायरस मरीजों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाई बांट रहा था। ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट की तरफ से पेश वकील नंदिता राव ने कहा कि ऐसी दवाओं के कारोबार के लिए लाइसेंस जरूरी है और कानून बेचने और बांटने के बीच अंतर नहीं करता है।

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