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ऑनलाइन बैंकिंग का इस्तेमाल करने वालों के लिए खुशखबरी,अब नहीं लगेगा कोई शुल्क

जुलाई 1, 2019 | by

Good news for those using online banking, now there will be no charge

भारतीय रिजर्व बैंक के निर्णयानुसार सोमवार 1 जुलाई से आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली के जरिए पैस भेजना सस्ता हो गया है।

रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली के जरिए धन भेजने पर किसी भी तरह का शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया है। रिजर्व बैंक ने आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली के जरिए लेनदेन पर शुल्क हटाने की घोषणा की है। इसी के साथ रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को एक जुलाई से ग्राहकों को नई व्यवस्था का लाभ देने के लिए कहा है। ‘रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट प्रणाली’ का इस्तेमाल बड़ी राशि के लेनदेन के लिए उपयोग में लाया जाता है।

वहीं नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर का इस्तेमाल दो लाख रुपए तक की राशि के लेनदेन के लिए होता है। भारतीय रिजर्व बैंक संघ के चेयरमैन सुनील मेहता ने आरबीए के समाचारपत्र में कहा ,” डिजिटल लेनदेन बढ़ाने के लिहाज से रिजर्व बैंक ने आरटीजीएस और एनईएफटी प्रणाली के जरिए धन प्रेषण पर बैंकों पर कोई शुल्क नहीं लगाने का निर्णय किया है। यह कदम बैंकों को ग्राहकों के लिए इन डिजिटल माध्यमों से धन हस्तांतरण पर शुल्क कम करने में मदद करेगा।” भारतीय स्टेट बैंक एनईएफटी प्रणाली के जरिए धन भेजने पर एक से पांच रुपए और आरटीजीएस पर पांच से पचास रुपए तक शुल्क वसूलता है।

भारत देश में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए केंद्रीय बैंक ने नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी ने इस तरह के लेनदेन पर शुल्क हटाने की सिफारिश की थी। जिसके बादरिजर्व बैंक ने यह निर्णय लिया है।

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