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टोक्यो ओलंपिक में भारतीय रॉकेट लॉन्चर नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में जीता गोल्ड मेडल,भारत को दिलाया टोक्यो एथलेटिक्स में पहला स्वर्ण पदक

भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रच दिया है। चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो प्रतियोगिता में भारत को टोक्यो ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक दिला दिया है। नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचते हुए पिछले 100 साल के सूखे को खत्म कर दिया है।

टोक्यो में नीरज ने जीता गोल्ड मेडल 

एथलीट नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचा दिया। चोपड़ा ने भाला फेंक प्रतियोगिता में भारत को टोक्यो ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक दिला दिया है। क्वालीफाइंग राउंड की तरह नीरज का प्रदर्शन फाइनल मुकाबले में भी बहुत शानदार रहा और उन्होंने एथलेटिक्स में मेडल के 100 साल के सूखे को खत्म कर दिया है। नीरज ने निर्णायक मैच में अपना पहला ही थ्रो 87.03 मीटर पर फेंका और गोल्ड की उम्मीद जगा दी। इसके बाद उन्होंने दूसरे प्रयास में 87.58  मीटर दूर भाला फेंक गोल्ड मेडल पक्का कर लिया।

नीरज चोपड़ा ने क्वालीफाइंग मैच में भी अपने प्रदर्शन से लोगों में रोमांच पैदा कर दिया था और उन्होंने टॉप पर रहते हुए पहले ही प्रयास में 86.65 मीटर दूर भाला फेंका था और 83.65 के क्वालिफिकेशन लेवल को बड़ी आसानी से पार कर दिया था। नीरज इससे पहले एशियाई खेलों, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक अपने नाम कर चुके हैं और अब यही वजह है कि पूरा देश की निगाहें उन पर टिकी हुई थी।

नीरज ओलंपिक खेलों में पहले ऐसे भारतीय एथलीट है, जिन्होंने स्वर्ण पदक जीता है। टोक्यो ओलंपिक में भारत का पहला गोल्ड मेडल है और अब तक भारत को कुल 7 पदक मिले हैं। जिसमें एक गोल्ड मेडल 2 सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल शामिल है।  कुश्ती की प्रतियोगिता में बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के दौलेट नियाजबेकोव को एकतरफा मुकाबले में 8-0 से हराकर ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया।

अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में जीता था गोल्ड 

भारतीय एथलीट नीरज ओलंपिक खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले मैच दूसरे ही खिलाड़ी हैं। उनसे पहले साल 2008 में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में भारत को गोल्ड मेडल दिलाया था। एथलेटिक्स में यह ओलंपिक खेलों में भारत का पहला गोल्ड मेडल है। इसके साथ ही 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया। नीरज ने अपने पहले ही प्रयास में ही गोल्ड मेडल पक्का कर लिया था। बाकी दो एथलीटों ने भी काफी कोशिश की लेकिन वह नीरज के 87.58 मीटर के थ्रो  को पार नहीं कर सके।

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