भारतीय रुपए की हालत लगातार खस्ता होती जा रही है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। पिछले स्तर के मुकाबले रुपया 16 पैसे गिरकर 82.33 पर पहुंच गया है।
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपए की हालत दिन पर दिन खस्ता होती जा रही ही। शुरूआती कारोबार में रुपया 16 पैसे गिरकर 82.33 पर पहुंच गया है। रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है। इससे पहले पिछले सत्र में रुपया 81.88 पर बंद हुआ था। गिरते रुपए का असर आम आदमी से लेकर बड़े उद्योपतियों तक पर पड़ने वाला है। जिसका सीधा असर ,आयात ,शिक्षा , रोजगार सहित तमाम क्षेत्रों में पड़ेगा।
आपको बता दें , भारत जरूरी सामान सहित भारी मशीनरी , कलपुर्जों और दवाओं का आयात करता है। इसके अलावा सैन्य सामग्री का भी आयात करता है। भारत इलेक्ट्रॉनिक सामान , लैपटॉप , मोबाइल आदि का आयात करता है। अगर रुपए में इसी तरह गिरावट जारी रही तो इसका असर सभी पर पड़ेगा। विदेशों से सभी तरह के सामान का आयात करना मंहगा हो जाएगा।
महंगी हो जाएगी शिक्षा
मेडिकल से लेकर अन्य तरह की विदेशों में पढ़ाई कर रहे छात्रों की जेब पर गिरते रुपए का भारी असर पड़ेगा। विदेशों में पढ़ाई कर रहे छात्रों को छात्रावास ,कॉलेज फीस , परिवहन और भोजन का भुगतान डॉलर में करना होता है। ऐसे में रुपए के कमजोर होने से इन छात्रों को पहले के मुकाबले अब ज्यादा खर्च करना होगा।
रोजगार पर असर पड़ेगा
भारतीय कंपनियां विदेशों से सस्ती दर पर कर्ज लेती हैं। विदेशों से कर्ज जुटाना भारतीय कंपनियों के लिए महंगा हो जाएगा। ऐसे में कारोबार बढ़ाना मुश्किल हो जाता है और कंपनियां अपने कर्मचारियों की छटनी करना शुरू कर देती हैं। जिससे रोजगार पर सीधा असर पड़ सकता है।
महंगाई बढ़ेगी
रुपए के कमजोर होने से देश में महंगाई बढ़ेगी। जिसका असर आम जनता पर पड़ेगा।