स्विस बैंक में भारतीयों की जमा राशि तीन गुना बढ़ी, जानें कैसे खुलता है वहां अकाउंट
Swiss banks:स्विस बैंक में भारतीयों की जमा रकम बढ़कर तीन गुना हो गई है। स्विस बैंक में पैसा जमा कराने के मामले भारतीय 101 देशों में से 48 वे स्थान पर हैं।
स्विस नेशनल बैंक की जून 2025 की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में स्विस बैंकों में भारतीयों द्वारा जमा धन बढ़कर तीन गुना हो गया है। यह राशि 2024 में 37600 करोड़ रुपए थी। जो 2021 के बाद उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। उससे पहले 2021 में 9771 करोड़ रुपए जमा थे।
Swiss banks में जमा राशि का विवरण
स्विस बैंक में भारतीयों के 346 मिलियन स्विस फ्रैंक जमा हैं। जो 2023 में मिलियन स्विस फ्रैंक से 11 फीसदी अधिक हैं।ये राशि अन्य बैंकों के माध्यम से 32000 करोड़, ट्रस्ट या न्यास के माध्यम से 435 करोड़, बॉन्ड के माध्यम से 1434 करोड़ रुपए जमा हुई है।
SNB में काले धन की वृद्धि के कारण
- 2024 में जमा राशि में वृद्धि का कारण बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से होने वाले लेनदेन के कारण हुआ है, न कि व्यक्तिगत खातों में जमा होने के कारण।
- भारतीय कंपनियों के बढ़ते लेनदेन, स्विस बैंक की भारत स्थित शाखाओं के कारोबार और इंटर-बैंक लेनदेन में वृद्धि भी इसके लिए जिम्मेदार कारण है।
- सबसे महत्वपूर्ण ध्यान देने वाली ये बात है ये आंकड़े केवल स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों की कुल देनदारियों को दर्शाते हैं। जिसमें व्यक्तिगत जमा, बैंकों और उद्ध्मों से प्राप्त राशि शामिल है। इसमें तीसरे देशों की संस्थाओं के नाम पर जमा धनराशि शामिल नहीं है।
क्या है यह काला धन ?
स्विस बैंक (Swiss banks) के अधिकारियों और भारतीय वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि स्विस बैंकों में जमा धनराशि को पूरी तरह से काला धन मानना गलत है। ये धन वैध व्यापारिक लेनदेन, निवेश या अन्य वित्तीय गतिविधियों का हिस्सा हो सकता है। हालांकि, टैक्स चोरी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस लिए भारत सरकार ने स्विट्जरलैंड के साथ AEOI समझौता किया है। ये समझौता 2018 में हुआ। इस समझौते के तहत स्विस बैंक भारतीय खाताधारकों की जानकारी भारत सरकार को प्रदान करते हैं।
AEOI समझौते के तहत भारत सरकार के साथ साझा की गई जानकारी
- साल 2019 में स्विस बैंक ने पहली बार भारत सरकार को खाताधारकों की विस्तृत जानकारी दी।
- 2020-22 में स्विस बैंकों ने तीन और सेट्स में खाताधारकों का विवरण दिया। जिसमें नाम पता, पहचान, निवेश, टैक्स पहचान संख्या, खाता शेष और पूंजीगत आय शामिल थी।
- 2023 में स्विस बैंकों ने भारत समेत 101 देशों के साथ 34 लाख खाताधारकों की जानकारी साझा की।
- इसका अगला सेट सितंबर 2025 में आएगा।
खाताधारकों की जानकारी का भारत सरकार क्या करती है ?
भारत सरकार इस डाटा का उपयोग टैक्स चोरी, धनशोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने के लिए करती है। यह जानकारी कंपनियों और व्यक्तियों के खिलाफ मजबूत अभियोजन बनाने में उपयोगी होती है। क्योंकि इसमें व्यक्ति विशेष या कंपनी का पूरा विवरण होता है।
Swiss banks केवल उन खातों की जानकारी साझा करते हैं जिनके खिलाफ गैर क़ानूनी होने के सबूत हों। थर्ड कंट्री एंटिटी के नाम पर जमा धनराशि की जानकारी इसमें शामिल नहीं है।
स्विस बैंकों में अकाउंट खोलने की प्रक्रिया
स्विस बैंकों में खाता खोलना अब पहले की तुलना में काफी पारदर्शी हो गया है। लेकिन कस्टमर की गोपनीयता अभी भी बरकरार है।
- स्विस बैंक में खाता खोलने के लिए न्यूनतम एक लाख डॉलर यानि 85 लाख रुपए होने चाहिए।
- इसके लिए इनकम सोर्स, पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज जरूरी हैं।
- प्रति वर्ष 25000 रुपए मेंटेनेंस चार्ज लगता है।
- गोपनीयता बरकरार रखने के लिए अकाउंट खोलने के लिए स्विट्जरलैंड जाना होता है।
स्विस बैंक में खाता खोलने वाले टॉप देशों की लिस्ट
शीर्ष देशों में ब्रिटेन, अमेरिका, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज और बांग्लादेश शामिल हैं। इस लिस्ट में भारत 101 देशों में 48वे स्थान पर है।
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