जस्टिस उदय उमेश ललित ने भारत के 49वे प्रधान न्यायधीश के रूप में शपथ ली है। उन्होंने सीजेआई एनवी रमना का पदभार संभाला है। रमना 25 अगस्त 2022 को सेवानिवृत हो गए। जस्टिस यु यु ललित को राष्ट्रपति भवन में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पद की शपथ दिलाई है।
भारत के 49वे CJI
न्यायमूर्ति यु यु ललित ने भारत के 49 वे मुख्य न्यायधीश के रूप में शपथ ली है। आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस उदय उमेश ललित को CJI पद की शपथ दिलाई। संक्षिप्त शपथ ग्रहण समाजरोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कई अन्य केन्दीय मंत्री शामिल हुए।
जस्टिस ललित से पहले करीब 16 महीने तक भारत के प्रधान न्यायधीश के रूप में सेवा देने वाले एनवी रमना भी इस शपथ ग्रहण समारोह में मौजूद रहे। एनवी रमना शुक्रवार के दिन भारत के प्रधान न्यायाधीश पद से सेवानिवृत हुए हैं।
102 साल से वकालत कर रहा है परिवार
आपको बता दें,जस्टिस यु यु ललित का परिवार पिछली तीन पीढ़ियों से वकालत के पेशे में हैं। उनका परिवार पिछले 102 साल से वकालत कर रहा है। जस्टिस ललित के दादाजी महाराष्ट्र के सोलापुर कोर्ट में वकालत करते थे। उनके पिता उमेश रंगनाथ ललित नामी वकील रहे हैं। वह बॉम्बे हाई कोर्ट के जज रह चुके हैं। जस्टिस उमेश के पत्नी अमिता ललित नोएडा में एक स्कूल चलाती हैं।
जस्टिस उदय उमेश ललित का एक बेटा श्रीयश पेशे से वकील है। जबकि उनका दूसरा बेटा हर्षद मैकेनिकल इंजजीनियर है। हर्षद की पत्नी भी वकील है।
न्यायधीश यु यु ललित ने अपने शुरुवाती दौर में मुंबई से दिल्ली के मयूर विहार में आकर वकालत करना शुरू की। वह देश के टॉप क्रिमिनल वकीलों में से एक रहे हैं। उन्हें सुप्रीम कोर्ट ने 2 जी स्कैम मामले में स्पेशल पीपी नियुक्त किया था।
दूसरे ऐसे सीजेआई
वर्ष 2014 में वह वकील से सीधे सुप्रीम कोर्ट के जज बन गए थे। अभी तक भारत के इतिहास में जस्टिस यु यु ललित ऐसे दूसरे प्रधान न्यायधीश हैं जो वकील से जज और अब भारत के मुख्य न्यायधीश हैं। उनका कार्यकाल मात्र 74 दिन का रहेगा।