Karwa Chauth 2025: करवा चौथ हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को पड़ता। इस वर्ष का करवाचौथ 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
Karwa Chauth 2025 के बारे में विस्तृत जानकारी
करवाचौथ हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है। जो मुख्य रूप से उत्तर भारत में बढ़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन सुहागिनें अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। व्रत सूर्योदय से चद्रोदय तक चलता है। 2025 में यह पर्व शुक्रवार, 10 अक्टूबर को मनाया जाएगा। नीचे करवाचौथ के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।
करवा चौथ का शुभ मुहूर्त
Karwa Chauth 2025 की पूजा शाम को की जाती है। शुभ मुहूर्त चंद्रोदय से पहले होता है ताकि पूजा के बाद चंद्र दर्शन हो सकें। 2025 के लिए प्रमुख शहरों के अनुसार शुभ मुहूर्त के बारे में जानकारी नीचे दी गई है।
- दिल्ली/एनसीआर शुभ मुहूर्त : 5.57 से 7.11 बजे (शाम )
- मुंबई : 5.58 बजे से 7.12 बजे
- जयपुर : 5.59 से 7.10 बजे
- लखनऊ 5.39 बजे से 6.59 बजे तक
- चेन्नई : 5.46 बजे से 7.02 बजे तक
Karwa Chauth 2025: पूजा मुहूर्त लगभग 1 घंटे 10 मिनट का है। यदि मुहूर्त मिस हो जाए तो चंद्रोदय के बाद भी पूजा की जा सकती है।
Karwa Chauth 2025 की पूजा विधि
करवाचौथ की पूजा शाम को की जाती है। व्रत सुबह सर्गी ग्रहण करने के बाद शुरू होता है। शाम को महिलाएं सजधज का इकट्ठा होती हैं। Karwa Chauth 2025 पूजा सामग्री : मिट्टी का करवा , पूजा थाली ,दीया , रोली, सिंदूर ,चावल, हल्दी, फूल ,चंदन , गंगाजल ,अगरबत्ती , लाल गुलाबी चूड़ियां। शिव पार्वती , कार्तिकेय की मूर्ति ,मिठाई , सूखे मेवे और छलनी।
- पूजा स्थल की तैयारी : साफ जगह पर लकड़ी की चौकी रखें। दीवार पर शिव पार्वती गणेश और कार्तिकेय का चित्र टांगें। कागज या बोर्ड पर चंद्रमा ,सूर्य ,स्वास्तिक और चार बिंदु ( चौथ माता के प्रतीक ) बनाकर रखें।
- बुजुर्ग महिला करवा चौथ की कथा सुनाएं। कथा के दौरान दीया जलाकर थाली में रखें। “सावे सो भाड़े, पावे सो पैसे …. गीत गाएं।
- पहले गणेश जी की पूजा करें। फिर शिव पार्वती और कार्तिकेय की पूजा करें। करवा को जल से भरें। उसपर गेंहूं , सिक्का ,चूड़ियां और दुपट्टा रखें। आरती करें :” सूरज देव महि गए , चंद्रमा उजाला निकले …. “
- पूजा के बाद करवा सासु मां को भेंट करें। चंद्र दर्शन करें।
- चंद्र अर्ध्य देते समय “ॐ चन्द्राय नमः “मंत्र का उच्चारण करें।
Karwa Chauth पर चाँद कब निकलेगा ?
दिल्ली एनसीआर में चाँद निकलने का समय शाम 8:13 बजे है। लखनऊ में चाँद 8.09 बजे निकलेगा। मुंबई 8.15 बजे, जयपुर 8.14 बजे और चेन्नई में 8.20 चाँद निकलेगा।
करवा मिट्टी को क्यों होता है ?
मिट्टी पांच तत्वों ( पृथ्वी , जल , वायु ,अग्नि और आकाश ) का प्रतीक है। करवा मिट्टी को जल (भूमि जल तत्व ) में गलाकर बनाते हैं। धुप , हवा (वायु आकाश ) में सुखाते हैं आग (अग्नि ) में तपाते हैं। मानव शरीर भी इन्ही पांच तत्वों से बना होता है। इसलिए यह शुद्धता और मजबूती का प्रतीक होता है। इसके अलावा पति पत्नी के अटूट बंधन का प्रतीक होता है, मिट्टी की तरह मजबूत होता है।
Karwa Chauth पर पत्नियां पति का चेहरा छलनी से क्यों देखती हैं ?
छलनी स्पष्टता और शुद्धता का प्रतीक होती है। इसकी जाली अशुद्धियां और नकारात्मक बाधाएं छान देती हैं। केवल सकारात्मक ऊर्जा ही पास होती है। चन्द्रमा को छलनी से देखकर दैवीय आशीर्वाद प्राप्त होता है। जो पति के चेहरे से गुजरकर वैवाहिक बंधन को मजबूत बनाता है। यह पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना करता है।
अन्य कारण : पुराने समय में घूंघट प्रथा के कारण महिलाएं पति को खुले मुंह नहीं देख सकती थी। चंद्र देव की पूजा होने से घूंघट आवश्यक था। छलनी हल्का पर्दा बन जाती थी , जिससे पति के दर्शन संभव हो पाते थे।
Karwa Chauth 2025 : व्रत तोड़ने की विधि
चंद्र दर्शन के बाद करवा के जल से अर्ध्य दें। फिर छलनी से पति का मुंह देखें। पति के हाथ करवा जल ग्रहण कर व्र: त खोलें। फिर पति पत्नी एक दूसरे को मिठाई, फल आदि खिलाएं।



