
अहोई अष्टमी करवा चौथ के तीन दिन बाद पड़ती है। इस दिन अपनी संतान की रक्षा के लिए माताएं व्रत रखती हैं। माताएं अपने बच्चों की दीर्घायु की कामना के लिए यह व्रत रखती हैं। अहोई अष्टमी के दिन विधि विधान से पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।
कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन अहोई अष्टमी मनाई जाती है। इस दिन माताएं अहोई माँ की पूरे विधि विधान के साथ पूजा करती हैं। इस दिन मां पार्वती और भगवान भोलेनाथ की उपासना की जाती है। अहोई अष्टमी के दिन अपनी संतान की दीर्घायु के साथ संतान प्राप्ति के लिए भी महिलाएं अहोई का व्रत रखती हैं। अहोई अष्टमी का व्रत काफी शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इस साल के अहोई अष्टमी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
अहोई अष्टमी आज 28 अक्टूबर गुरुवार के दिन है। अहोई अष्टमी करवा चौथ के 3 दिन बाद अष्टमी के दिन यह व्रत रखा जाता है। हिंदू धर्म में माना जाता है कि यह उपवास काफी शुभ होता है। इस दिन पूरे विधि विधान के साथ पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। रात में तारों को अर्ध्य देकर महिलाएं व्रत खोलती हैं। कहीं-कहीं तो चांद को देखकर भी व्रत को खोला जाता है।
अहोई अष्टमी का समय और तारीख
अष्टमी 28 अक्टूबर 2021 गुरुवार को 12:49 से शुरू होगा । अहोई अष्टमी की समाप्ति का समय 29 अक्टूबर 2021, शुक्रवार अपराहन 2:09 बजे तक है।
अहोई अष्टमी की पूजा विधि
- सुबह सुबह उठकर स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- घर में बने हुए पूजा घर को पहले से ही अच्छी तरह साफ करले।
- घर की दीवार पर आई माता की तस्वीर बनाएं या आजकल बाजार में भी तस्वीरें मिल जाती हैं, बाजार से तस्वीर लेकर लगाएं।
- दूध चावल और रोली से अहोई माता की पूजा करें।
- इसके बाद कलश में जल भरकर माताएं अहोई अष्टमी की कथा का श्रवण करें।
- माता जी को हलवा पूरी या फिर किसी मिठाई का भोग लगाएं।
- पूजा के बाद की आरती के बाद तुरंत बाद मंत्र उच्चारण करें
- रात में तारों को अर्ध्य देकर अन्न ग्रहण करें।
- माताएं अहोई से अपनी संतान की लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करें।
शुभ मुहूर्त
पूजा का शुभ मुहूर्त,गुरुवार 28 अक्टूबर 2021 को शाम 5 बजकर 39 मिनट से लेकर 6 बजकर 56 मिनट तक है।
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