इजराइल और ईरान हमलों का लेटेस्ट और विस्तृत अपडेट
Israel attacks: इजराइल और ईरान के बीच हाल ही में हुए सैन्य तनाव और हमलों ने मध्य पूर्व में स्थिति को और जटिल बना दिया है। 13 जून, 2025 को ईरान पर इजराइल के हमले और उसके बाद ईरान के जवाबी हमलों ने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया है।
Israel attacks : Operation Rising Lion
एएफ न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, इज़रायल ने ईरानी सैन्य प्रतिष्ठानों और परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें नतांज़ और फ़ोर्डो परमाणु संयंत्र शामिल हैं, जो ईरान के यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम के मुख्य केंद्र हैं। इसके अलावा, अन्य सैन्य ठिकानों और तेहरान के इमाम खुमैनी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास भी हमले किए गए।
ईरान पर इजराइल का हमला
इजराइल (Israel attacks) ने 150 से 200 लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल कर ईरान के दर्जनों सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बमबारी की। इजराइली सेना (आईडीएफ) ने इसे ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को नष्ट करने के उद्देश्य से किया गया “पूर्व-प्रतिक्रियात्मक हमला” बताया।
ईरान का हुआ भारी नुक्सान
ईरान ने इजरायली हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के कमांडर-इन-चीफ होसैन सलामी, सशस्त्र बलों के रणनीतिक कमांडर घोलम-अली रशीद और परमाणु वैज्ञानिक मोहम्मद मेहदी तेहरानची और फरदून अब्बासी की मौत की पुष्टि की। ईरान के नातांज़ स्थित यूरेनियम संवर्धन संयंत्र को भारी क्षति पहुंची।
इजराइल के प्रधानमंत्री का ब्यान
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसे “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया। उन्होंने कहा कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक ईरान का परमाणु खतरा पूरी तरह समाप्त नहीं हो जाता।
ईरान का जवाबी हमला
इजरायल के हमले (Israel attacks) के जवाब में ईरान ने 13 जून 2025 को 100 से अधिक सशस्त्र ड्रोन और मिसाइलों से इजरायल पर हमला किया। यह हमला “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के जवाब में किया गया। जिसे ईरान ने “शेर की पूंछ मरोड़ना” बताया है। ईरान ने इजरायली सैन्य ठिकानों, खासकर तेल अवीव और अन्य प्रमुख शहरों को निशाना बनाया।
इज़रायली सेना (IDF) ने दावा किया कि उनके लड़ाकू विमानों ने रास्ते में आने वाले ज़्यादातर ड्रोन को मार गिराया और कोई भी ड्रोन इज़रायली सीमा तक नहीं पहुंचा। हालांकि, कुछ सूत्रों के अनुसार, हमले में मामूली क्षति हुई और कुछ लोग घायल हुए।
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने कहा कि इस हमले के लिए इजरायल को दंडित किया जाएगा। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने दावा किया कि अमेरिका के समर्थन के बिना इजरायल के हमले संभव नहीं थे।
फिलहाल, इजराइल ने आपातकाल की घोषणा कर दी है और अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है। अस्पतालों को भूमिगत केंद्रों में स्थानांतरित कर दिया गया है।
ईरान ने भी अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है और जवाबी हमले की तैयारी कर ली है। ईरान के सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन वह जवाबी हमले की योजना बना रहा है