विश्व कैंसर दिवस के अवसर जानें इसके लक्षण,कारण और बचाव के तरीकों के बारे में

हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है कैंसर दिवस

अनियंत्रित कोशिकाओं की वजह से होता है कैंसर

कीमोथैरपी ,रेडिएशन और सर्जरी से होता है कैंसर का इलाज

मानव शरीर कई तरह की कोशिकाओं से बना होता है। जब यही कोशिका अनियंत्रित तौर पर बढ़ती है और पूरे शरीर में फैल जाती है। बढ़ी हुई कोशिकाओं से शरीर में ट्यूमर बन जाता है इसी अवस्था को कैंसर कहते।

आज पूरे वर्ल्ड में कैंसर डे मनाया जा रहा है। यह दिन का हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है। विश्व कैंसर दिवस के जरिए दुनिया भर के लोगों को कैंसर के प्रति जागरूक किया जाता है क्योंकि यह एक ऐसी बीमारी है, जिसके बारे में लोगों को शुरुआत में पता नहीं चलता।

लोगों को इस बीमारी के बारे में तब पता चलता है जब यह काफी बढ़ चुकी होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि काफी लोग इसके शुरुआती लक्षणों के बारे में नहीं जानते हैं। आज कैंसर दिवस के अवसर पर जानिए कैंसर से जुड़ी सभी बातें जो शायद आपको मालूम नहीं होगी।

विश्व कैंसर दिवस सबसे पहले 1993 में स्विट्जरलैंड के जेनेवा में मनाया गया था। साल 1993 में यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल ने वर्ल्ड कैंसर डे मनाया गया था।

यूआईसीसी का प्राथमिक उद्देश्य कैंसर पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में कमी करना और इसके कारण होने वाली मृत्यु दर में कमी लाना है। इसके साथ ही लोगों में कैंसर रोग के लक्षणों को पहचान पाने के लिए प्रयास करना है। जिनमें लोगों में जागरूकता बढ़ाना शिक्षित करना सरकारी और गैर सरकारी संगठनों को दुनियाभर में इस बीमारी के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार करना है।

क्या होता है कैंसर ? 

हमारा शरीर कई प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है। शरीर में बदलाव के कारण यह कोशिकाएं बढ़ती रहती हैं। जब यह कोशिकाएं अनियंत्रित तौर पर बढ़ती है और पूरे शरीर में फैल जाती है तभी ये शरीर के बाकी हिस्सों को उनका काम करने में बाधा उत्पन्न करने लगती हैं। शरीर में कोशिकाओं का गुच्छा या ट्यूमर बन जाता है । इसी अवस्था को कैंसर कहते हैं।

कैंसर के कारण

कैंसर के होने आम कारणों में तंबाकू का सेवन, धूम्रपान फिजिकल एक्टिविटीज में कमी, संतुलित आहार, एक्स-रे से निकली हुई किरणें, सूरज से निकलने वाली यूवी किरणें, इंफेक्शन और फैमिली जीन आदि कारण होते हैं।

कैंसर के लक्षण

कैंसर के लक्षण अलग-अलग प्रकार पर आधारित होते हैं । जैसे ब्रेस्ट कैंसर में निपल्स के आसपास गांठ होना, मेटास्टैटिक ब्रेस्ट कैंसर में थकान, फेफड़ों और दिमाग में तेज दर्द होना। आम लक्षणों में मूत्राशय की आदतों में बदलाव, गले में खराश, ब्रेस्ट और ट्रस्ट टेस्टिकल का मोटा होना यह गांठ पड़ना, खाना निगलने में कठिनाई होना, शरीर पर मौजूद मस्से तिल का रंग और आकार बदलना, अचानक वजन बढ़ना या कम होना, ज्यादा थकान, उल्टी, बार बार बुखार होना शामिल है।।

कैंसर के प्रकार 

कैंसर लगभग 100 से भी ज्यादा प्रकार के होते हैं। लेकिन सबसे आम स्किन कैंसर ब्रेस्ट कैंसर,लंग कैंसर, ब्लड कैंसर, मेलानोमा, किडनी का कैंसर हैं।

इसका इलाज डॉक्टर सर्जरी, कीमो थेरेपी और रेडिएशन के जरिए करते हैं। सर्जरी में डॉक्टर प्रभावित एरिया को शरीर से अलग करते हैं जैसे ब्रेस्ट कैंसर होने से ब्रेस्ट को हटा दिया जाता है। कीमो थेरेपी में दवाइयों की मदद से कैंसर के कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। जबकि रेडिएशन में कैंसर की बढ़ती हुई कोशिकाओं को रोक कर उन्हें मारा जाता है ।

 

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