
Captain Anshuman Singh ऑपरेशन मेघदूत के अंतर्गत सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे। 19 जुलाई 2023 को एक हादसे में शहीद हुए शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह और मां अंजू सिंह को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कीर्ति चक्र प्रदान किया। वीरता पुरस्कार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है।
आग हादसे में शहीद हुए थे कैप्टन अंशुमान सिंह
19 जुलाई 2023 को सियाचिन ग्लेशियर में अपने साथी सैनिकों को आग से बचाते हुए कैप्टन अंशुमान सिंह (Captain Anshuman Singh) शहीद हो गए थे। उनकी शहादत के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश के दूसरे सबसे बड़े शांतिकालीन पुरस्कार कीर्ति चक्र से नवाजा। वीरता पुरस्कार शहीद की पत्नी स्मृति सिंह और मां अंजू सिंह ने ग्रहण किया। कीर्ति चक्र लेने के लिए जब उनकी विधवा पत्नी और मां पहुंची तो राष्ट्रपति भवन के सभागार में मौजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत सभी लोग भावुक हो गए।
मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया
Captain Anshuman Singh: सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर शेयर किए गए एक वीडियो क्लिप में कैप्टन अंशुमान सिंह की विधवा पत्नी और मां पुरस्कार ग्रहण करती हुई नजर आ रही हैं। वीडियो में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शहीद कैप्टन की पत्नी स्मृति सिंह, मां अंजू का हाथ जोड़कर सम्मान करते हुए नजर आ रही हैं। बैकग्राउंड वॉइसओवर में अंशुमान सिंह की प्रशंसा चल रही है।
जवानों की बचाते हुए दी शहादत
पिछले साल 19 जुलाई को सुबह तीन बजे सियाचिन में भारतीय सेना के गोला-बारूद भंडार में आग लग गई थी। लगभग 17 हजार फ़ीट की ऊंचाई पर तेज हवाओं के कारण आग बहुत तेजी से बढ़ने लगी। आग की चपेट में कई सैनिक आ गए थे। उसी दौरान कैप्टन अंशुमान सिंह ने फाइबर ग्लास के शिविर में फंसे जवानों को बचाने में मदद की। यह आग नजदीकी मेडिकल सेंटर में भी फ़ैल गई थी। इसी दौरान कैप्टन अंशुमान सिंह ने जीवन रक्षक दवाओं को शेलटर के अंदर से बाहर निकालने की कोशिश की। दुर्भाग्य से वह आग से जलने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
अंशुमान और स्मृति की प्रेम कहानी
स्मृति सिंह ने पुरस्कार ग्रहण करने के बाद बताया,” वह कहते थे कि मैं साधारण मौत नहीं मरूंगा। मैं अपनी छाती में पीतल के साथ मरूंगा। वह बहुत सक्षम थे। ”
अपनी लव स्टोरी को याद करते हुए स्मृति सिंह ने कहा,” हम पहली बार इंजीनियरिंग कॉलेज में मिले थे। मुझे उनसे पहली नजर में ही प्यार हो गया। इसके एक महीने बाद उनका AFMC में चयन हो गया। हम आठ साल तक लॉन्ग डिस्टेंस रिलेशनशिप में रहे। फिर हमने शादी कर ली। ”
शहीद कैप्टन अंशुमान सिंह की पत्नी स्मृति सिंह ने कहा ,”शादी के दो महीने बाद ही उनका ट्रांसफर सियाचिन में हो गया। हमने 18 जुलाई 2023 को जीवन के अगले पचास साल की प्लानिंग पर बातचीत की। हम घर बनाएंगे ,बच्चे पैदा करेंगे। इसके अगले दिन ही 19 तारीख को मुझे सुबह फोन पर बताया गया कि वह अब नहीं रहे। मुझे 7-8 घंटे तक विश्वास ही नहीं हुआ कि ऐसा हो सकता है। आजतक मैं उस दुख से उभरने की कोशिश कर रही हूँ। शायद यह सच नहीं है। अब हाथ में कीर्ति चक्र आने के बाद मुझे एहसास हुआ कि यह सच है। उन्होंने अपनी तीन परिवार बचाने के लिए अपनी जिंदगी और परिवार त्याग दिया। “