मां बाप कर रहे थे शादी की तैयारियां, तिरंगे में लिपट कर आया शहीद बेटा गुरप्रीत सिंह
जम्मू कश्मीर के बारामुला में आतंकियों की तलाश करते समय भारतीय सेना का जवान Gurpreet Singh शहीद हो गया। गुरप्रीत सिंह अपने घर में इकलौता कमाने वाला था।
मां-बाप शादी के लिए लड़की ढूंढ रहे थे, बेटे के माथे पर सेहरा सजाने की तैयारियां कर कर रहे थे। लेकिन बेटा गुरप्रीत सिंह तिरंगे में लिपट कर घर आया। अपने जिगर के टुकड़े का पार्थिव शरीर देखकर मां दहाड़ें मारने लगी। मां को रोते-बिलखते देखकर घर के अन्य सदस्यों और गांव वालों का कलेजा फटने लगा। [पंजाब के गुरदासपुर के भैणी गांव का रहने वाला गुरप्रीत सिंह जम्मू कश्मीर के बारामुला में शहीद हो गया।
ऑपरेशन टास्क के दौरान हुआ हादसा
सेना के अधिकारीयों के अनुसार, गुरप्रीत सिंह उस समय शहीद हो गए जब वह अपनी टीम के साथ ऑपरेशन टास्क को पूरा करते हुए आतंकियों की तलाश कर रहे थे। गुरप्रीत सिंह सिंह बर्फीली पहाड़ियों में गश्त कर रहे थे। गश्त के दौरान उनका पांव फिसल गया और खाई में गिर गए। इससे पहले उनके साथी उन्हें खाई से निकाल पाते, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। उनका पार्थिव शरीर उनके पंजाब स्थित भैणी गांव पहुंच गया है।
गमगीन हैं माता-पिता
गुरप्रीत सिंह अपने घर में अकेला कमाई करने वाल शख्स था। घर की पूरी जिम्मेदारी उन्ही पर थी। लेकिन इतनी कम उम्र में ही इस दुनिया को अलविदा कह गए। गुरप्रीत सिंह के पिता का नाम नरिंदर सिंह और मां का नाम लखविंदर कौर है। उनका एक छोटा भाई भी है। जिसका नाम हरप्रीत सिंह है। गुरप्रीत सिंह की शहादत की खबर सुनकर पुरे गांव में मातम पसरा हुआ है।
पिता नरिंदर सिंह के अनुसार,गुरप्रीत सिंह छह साल पहले भारतीय सेना की 73 फिल्ड रेजिमेंट में भर्ती हुआ था। पिछले साल अगस्त महीने में ही गुरप्रीत सिंह का ट्रांसफर जम्मू कश्मीर के गुलमर्ग में हो गया था। इससे पहले वह पश्चिम बंगाल के वीणागुड़ी में तैनात थे। डेढ़ महीने की छुट्टी घर पर बिताने के बाद वह जम्मू कश्मीर में अपनी ड्यूटी पर चले गए थे।
सीएम मान ने जताया शोक
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने गुरप्रीत सिंह की शहादत पर शोक जताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है। सीएम मान ने कहा कि वादे के अनुसार, परिवार की मदद की जाएगी। बता दें, सीएम भगवंत सिंह मान ने पंजाब की कमान संभालने के बाद शहीदों के परिवारों को एक करोड़ रुपए राशि देने का एलान किया था। हाल ही में भगवंत सरकार ने अग्निवीर अमृतपाल सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपए की राशि दी है।