Balasore Train Accident: जब मुर्दाघर में जिंदा मिला यात्री विश्वजीत, पिता ने सुनाई चमत्कार की कहानी
Odisha Train Accident: ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए ट्रिपल ट्रेन एक्सीडेंट ने पुरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हो चुकी है।
Odisha Train Accident: जब मुर्दाघर में जिंदा मिला यात्री विश्वजीत
वहीं हजारों लोग घायल हुए हैं। हादसे से जुडी दर्दनाक कहानियां लगातार सामने आ रही हैं। रेल हादसे में जीवित बचे एक यात्री के पिता ने दिल को हिला देने वाली एक घटना साझा की है।
हेलाराम मल्लिक ने कहा कि उनके बेटे विश्वजीत को मृत समझ लिया गया था और उसे मुर्दाघर में लाशों के ढेर के ऊपर रख दिया गया था। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अपने बेटे को खोजने के लिए हेलाराम ने 230 किलोमीटर की यात्रा की थी। जिसके बाद वह अपने बेटे को खोजने में सफल रहा।
उसके बेटे को गलती से रेल हादसे में मारे गए लोगों के शवों के साथ रख दिया गया था। हेलाराम ने अपने बेटे को बहानागा हाई स्कूल के अस्थाई मुर्दाघर से बाहर निकाला और उसे कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया।
कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसा
घटना को याद करते हुए हेलाराम ने कहा,” मेरा बेटा कोरोमंडल एक्सप्रेस में सवार था और वह चेन्नई जा रहा था। लगभग साढ़े सात बजे उसने मुझे फोन पर बताया कि ट्रेन एक्सीडेंट हो गया है और उसके बाद वह बेहोश हो गया। उसने किसी दूसरे के मोबाइल से फोन किया था। उसे मरा हुआ समझकर मुर्दाघर में लाशों के ढेर पर रख दिया गया। जब उसे होश आया तो उसने हाथ हिलाकर इशारा किया कि वह जिंदा है। ”
बालासोर के अस्पताल में मिला
पिता ने आगे कहा,” लोगों ने देखा कि वह जिंदा है और उसे अस्पताल ले गए। मैंने उसे बालासोर के अस्पताल में पाया। यह हादसा मेरे लिए बहुत दर्दनाक था। क्योंकि मैं अपने बेटे से हमेशा के लिए बिछुड़ने वाला था। वह दो साल बाद घर लौटा था और 15 दिन बाद फिर वापस जा रहा था। ”
बेटे को जिंदा पाकर हम खुश हैं
उन्होंने आगे कहा ,” बेटे को जिंदा पाकर हम खुश हैं। लेकिन उसके हाथ और पैरों में चोटें आई हैं। मैं अपने बेटे का इलाज कोलकाता में कराऊंगा। ” इसके अलावा हेलाराम ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का मुआवजा देने के लिए धन्यवाद भी किया।
Published on: Jun 7, 2023 at 10:30