Ratan Tata के बेस्ट फ्रेंड Shantanu Naidu कौन हैं! कैसे हुई थी दोनों की दोस्ती

Ratan Tata को अंतिम विदाई देते समय Shantanu Naidu ने LinkedIn पर  लिखा,” अलविदा मेरे प्यारे लाइटहाउस। “दोनों की दोस्ती की शुरुआत एक घटना के साथ हुई थी।

Ratan Tata का निधन

9 अक्टूबर 2024 की रात को भारत के दिग्गज कारोबारी रतन टाटा का निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। उनकी अंतिम यात्रा में देश की जानी मानी हस्तियों ने हिस्सा लिया। रतन टाटा की अंतिम विदाई में उनके सबसे भरोसेमंद शांतनु नायडू आगे आगे चल रहे थे। शांतनु ने गुरुवार सुबह अपने लिंक्डइन अकाउंट पर एक भावुक पोस्ट साझा की।

शांतनु नायडू ने नम आंखों से रतन टाटा को अंतिम विदाई देते हुए लिखा,”इस दोस्ती ने अब मुझमें जो खालीपन छोड़ दिया है, उसे भरने में मैं अपनी बाकि जिंदगी बिता दूंगा। दुःख प्यार के लिए चुकाई जाने वाली कीमत है। अलविदा, मेरे प्रिय लाइटहाउस। ”

कौन हैं Ratan Tata के दोस्त Shantanu Naidu

Shantanu Naidu का जन्म महाराष्ट्र के पुणे में 1993 में हुआ था। उन्होंने 2014 में सावित्रीबाई फुले पुणे यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद शांतनु ने कॉर्नेल जॉनसन ग्रेजुएट स्कूल ऑफ़ मैनेजमेंट से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन मास्टर डिग्री ली।

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शिक्षा पूरी होने के बाद शांतनु ने 2017 में टाटा अलेक्सी में ऑटोमोबाइल डिजाइन इंजीनियर के तौर पर अपने करियर की शुरुआत की। वह रतन टाटा के असिस्टेंट रह चुके हैं।

कब हुई थी Shantanu Naidu और Ratan Tata की पहली मुलाकात

Ratan Tata शांतनु नायडू की प्रतिभा से काफी प्रभावित थे। टाटा समूह प्रमुख ने खुद फोन कर नायडू को अपना असिस्टेंट बनने का ऑफर दिया था। इसके बाद वह 2022 में रतन टाटा के ऑफिस में जनरल मैनेजर बन गए थे। शांतनु नायडू रतन टाटा को स्टार्टअप्स में निवेश करने की सलाह देते थे। इसके अलावा वह रतन टाटा निजी कामों को भी देखते थे।

Ratan Tata Shantanu Naiduपशु प्रेमी होने कारण शांतनु नायडू और रतन टाटा की मुलाकात हुई थी। दोनों की पहली मुलाकात 2014 में हुई थी। दरअसल, शांतनु नायडू आवारा कुत्तों की जान बचाने के लिए रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाते हैं। रिफ्लेक्टिव कॉलर अँधेरे में भी नजर आता है। जिसकी वजह से वाहन चालक को पता चल जाता है कि सामने कोई जानवर है।

रतन टाटा (Ratan Tata) को शांतनु नायडू का रिफ्लेक्टिव कॉलर वाला आईडिया बहुत पसंद आया था। शांतनु नायडू 20 वर्ष के थे जब उनकी पहली मुलाकात रतन टाटा से हु थी।

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Shantanu Naidu मोटोपॉज नामक संस्था के संस्थापक हैं। संस्था का काम आवारा जानवरों की जान बचाना है। एनजीओ में करीब 250 कर्मचारी हैं। यह संस्था देश के 15 से अधिक शहरों में काम करती है।

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