SEBI चीफ माधबी पूरी बुच PAC के सामने नहीं हुई पेश, समिति प्रमुख ने दी ये जानकारी

SEBI Chief Madhabi Puri Buch को आज PAC सामने पेश होकर अपनी सफाई देनी थी। पीएसी अध्यक्ष केसी वेणुगोपाल ने मीडिया को बताया कि बुच के आग्रह और दिल्ली पहुंचने में असमर्थता के कारण समिति की बैठक को स्थगित कर दिया गया है।

लोक लेखा समिति की बैठक को सेबी प्रमुख माधबी पूरी बुच (Madhabi Puri Buch) के हाजिर न होने के कारण स्थगित कर दिया गया है। आज बुच को PAC के  सामने पेश होकर सेबी की चीफ के तौर पर हिंडनबर्ग के आरोपों पर मौखिक रूप से जवाब देने थे।

SEBI Chief Madhabi Puri Buch पर आरोप

माधबी पूरी पर सेबी प्रमुख रहते हुए निजी लाभ के लिए अडाणी ग्रुप के साथ मिलकर हेरफेर करने के आरोप हैं। ये आरोप अमेरिकी शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी एक रिपोर्ट में प्रकाशित किए थे। जिसके बाद यह मुद्दा गरमा गया था। हिंडनबर्ग ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड की अध्यक्ष माधबी पूरी बुच जो आरोप लगाए थे, उन्हें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

Madhabi Puri Buch ने आरोपों नकारा

हालांकि, हिंडनबर्ग के आरोपों सेबी प्रमुख माधबी पूरी और उनके पति धवल बुच ने सिरे से नकार दिया था। दोनों ने एक साझा बयान में कहा था कि हमारा जीवन एक खुली किताब की तरह है। दंपति ने अमेरिकी शार्ट सेलिंग कंपनी के सभी आरोपों निराधार बताया था।

Madhabi Puri Buch मुद्दे पर विपक्ष हुआ हमलावर

हिंडनबर्ग के आरोपों के बाद सेबी प्रमुख का ये मुद्दा राजनीतिक रंग ले गया। कांग्रेस पार्टी समेत कई विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और अडानी समूह प्रमुख गौतम अडानी शेयर बाजार में घोटाला करने के आरोप लगाए थे। विपक्ष के आरोप हैं सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी अडानी और सेबी प्रमुख का बचाव कर रही है।

SEBI प्रमुख मुद्दे पर खेड़ा की प्रेस कॉन्फ्रेंस

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक के बाद एक कई प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सेबी प्रमुख के अडानी समूह के साथ मिलकर शेयर मार्किट में घोटाले करने के आरोप लगाए। पवन खेड़ा के आरोपों का जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने पीएसी चीफ केसी वेणुगोपाल पर पद के दुरूपयोग का आरोप लगाया।

उन्होंने पत्र में लिखा कि केसी वेणुगोपाल देश की अर्थव्यस्था को नुक्सान पहुंचाने के लिए एक ‘टूल किट’ हिस्से के रूप में काम कर रहे हैं। हालांकि, अभी तक दुबे के पत्र पर लोक लेखा समिति के अध्यक्ष की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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