भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने सुझाव दिया है कि कोई भी खिलाडी या सेलिब्रिटी क्रिप्टो करेंसी को प्रमोट ना करें। अगर कोई भी एड झूठा या भ्रामक लगता है तो सेंट्रल कंजूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी उसके निर्माता या सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट को ऐड बंद करने, बदलने के लिए दिशानिर्देश जारी कर सकता है।
क्रिप्टो प्रोडक्ट का सपोर्ट नहीं
सेबी ने सुझाव दिया है कि किसी भी प्रमुख पब्लिक फिगर, सेलिब्रिटी और खिलाड़ी को क्रिप्टो प्रोडक्ट का सपोर्ट नहीं करना चाहिए और एडवर्टाइजमेंट दिखाने वालों को कानूनों के उल्लंघन के बारे में भी बात करनी चाहिए।
आयकर के दायरे में
बता दे कि आज की तारीख में क्रिप्टोकरंसी को रेगुलेट नहीं किया गया है। इसे सिर्फ आयकर के दायरे में लाया गया है। बिजनेस लाइन के अनुसार भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने फाइनेंस पर संसदीय समिति को अपना विचार बताया। जब सदस्यों ने बीते महीने क्रिप्टो से संबंधित पहलुओं पर अधिकारियों से पूछताछ की। अब रेगुलेटरी ने लिखित तौर पर पूरा जवाब दिया है। वित्त मंत्रालय ने रेगुलेटरी से एडवर्टाइजमेंट पर अपने विचार देने और एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड काउंसिल ऑफ इंडिया को गाइडलाइंस भी देने के लिए कहा है।
सूत्र ने सेबी के हवाले से कहा है कि यह देखते हुए कि क्रिप्टो प्रोडक्ट रेगुलेटेड नहीं है तो खिलाड़ियों सहित प्रमुख सेलिब्रिटीज या उनकी आवाज का उपयोग कर क्रिप्टोकरंसी का सपोर्ट एडवर्टाइजमेंट के लिए नहीं होना चाहिए। इसके अलावा यह भी कहा गया कि सेलिब्रिटीज को सपोर्ट के लिए जिम्मेदार ठहराया जाएगा। जो कंजूमर प्रोटेक्शन एक्ट या किसी अन्य कानून का उल्लंघन है।
बिजनेस रणनीतिकार और स्वतंत्र निदेशक लीओड़ मेथियस ने कहा कि एक खास कैटेगरी के एडवर्टाइजमेंट पर पूरा बैन एक अलग बात है। लेकिन अगर प्रोडक्ट के एडवर्टाइजमेंट पर कोई प्रतिबंध नहीं है तो यह तय करना है कि कौन उस प्रोडक्ट का सपोर्ट कर सकता है या नहीं। यह बहस का विषय नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह किसी भी सेलिब्रिटी के कमाई के मौलिक अधिकार को भी रोक सकता है। पिछले साल नवंबर में सेलिब्रिटीज की विशेषता वाले क्रिप्टो एड आने के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने एक मीटिंग की थी और यह देखा था कि युवाओं को ज्यादा लुभाने और नान ट्रांस्प्रेंट एड के जरिए गुमराह करने के प्रयासों पर रोक लगनी चाहिए।