आवारा कुत्तों पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, एनिमल लवर खुश हुए

Stray Dogs को लेकर Supreme court ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले ने मानव सुरक्षा और पशु कल्याण के बीच संतुलन स्थापित किया है।

Supreme court का Stray Dogs पर बड़ा फैसला

जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस  एन वी अंजारिया की तीन जजों की खंडपीठ ने आवारा कुत्तों को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट के आदेश के अनुसार, जिन आवारा कुत्तों का टीकाकरण और नसबंदी हो गई है, उन्हें उसी स्थान पर छोड़ा जाएगा। हालांकि, बीमार और हिंसक कुत्तों को शेलटर होम में रखा जाएगा। अदालत के आदेश के अनुसार, कुत्तों को सड़कों और पार्कों में खाना देना प्रतिबंधित है। इस आदेश से सुरक्षा और सार्वजनिक स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा।

आदेश राष्ट्रीय स्तर पर लागू

सर्वोच्च अदालत का यह आदेश केवल दिल्ली एनसीआर तक सिमित नहीं है। बल्कि पुरे देश में लागू होगा। कोर्ट ने सभी राज्यों को नोटिस जारी किया है। अदालत ने सभी हाई कोर्ट में लंबित संबंधित मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है।

11 अगस्त 2025 का पिछले आदेश

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की पीठ ने 11 अगस्त को आवारा कुत्तों को लेकर आदेश दिया था। जिसके अनुसार,दिल्ली एनसीआर के सभी आवारा कुत्तों (Stray Dogs) को हटाकर शेलटर होम में रखने का आदेश दिया था। ये फैसला जस्टिस जेबी पादरीवाला और आर महादेवन की खंडपीठ ने दिया था। अदालत ने ये कार्रवाई आठ हफ्ते के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया था।

फैसले के खिलाफ पशु प्रेमियों का विरोध प्रदर्शन

पशु प्रेमियों ने अदालत के 11 अगस्त के फैसले के बाद दिल्ली के जंतर मंतर और इंडिया गेट पर विरोध प्रदर्शन करते हुए कैंडल मार्च निकाला था। मेनका गांधी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, बॉलीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन, जान्हवी कपूर और अभिनेता वरुण धवन ने फैसले का विरोध किया था।

Stray Dogs : सॉलिसिटर जनरल की दलीलें

एसजी तुषार मेहता ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि आवारा कुत्तों की वजह से बच्चों की जानें जा रही हैं। उन्होंने 2024 में देशभर में कुत्तों के काटने के 37 लाख मामले और रेबीज से 305 मौतों का हवाला दिया था। उन्होंने तर्क दिया था कि टीकाकरण या बधियाकरण से कुत्तों के हमले पूरी तरह नहीं रुकते सकते हैं।

पशु प्रेमियों में खुशी की लहर

Stray Dogs : अदालत के नए फैसले से पशु प्रेमियों में खुशी की लहर है। पशु प्रेमी इसे ऐतिहासिक फैसला बता रहे हैं। एनिमल लवर्स को कोर्ट का “पकड़ो, बधिया करो, टीका लगाओ और छोड़ो” फैसला पसंद आया है। वे इसे अपनी जीत मान रहे हैं।

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