साल 2022 का अंतिम चंद्र ग्रहण आज 8 नवंबर 2022 को लग रहा है। अगला चाँद ग्रहण 2025 में लगेगा। आइए , जानते हैं चंद्र ग्रहण से जुडी भौगोलिक और धार्मिक जानकारियां।
8 नवंबर 2022 को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है। अगला चाँद ग्रहण तीन साल बाद यानि 2025 में लगेगा। हालांकि , अगला ग्रहण आंशिक होगा , जो भारत में भी दिखाई देगा। यहां हम आपको चंद्र ग्रहण के बारे में जुडी धार्मिक और वैज्ञानिक जानकारियां देने जा रहे हैं।
भौगोलिक जानकारी
चांद पृथ्वी की परिक्रमा करता है। पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती कभी कभी पृथ्वी परिक्रमा करते हुए सूर्य और चांद की बीच में आ जाती है। जिससे सूरज का प्रकाश चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाता। यह आंशिक और पूर्ण होता है। जब तीनों एक लाइन में सीधे एक दूसरे के बीच आ जाते हैं तब चांद पर सूरज की रौशनी नहीं पड़ती।
इसी के साथ यह भी बता दें , पृथ्वी पर दिखाई देने वाला ग्रहण कुछ घंटों का होता है। जबकि चांद पर सूरज का प्रकाश कई सप्ताह तक नहीं पहुंचने से वहां लंबा ग्रहण लगता है। जिसको पृथ्वी से नहीं देखा जा सकता है। चाँद पर लगने वाले ग्रहण को उपग्रह या दूरबीन से देखा जा सकता है। वहीँ पृथ्वी सूर्य और चांद के बीच आ जाती है तो सूरज का प्रकाश चांद तक नहीं पहुंचता है , जिसके बाद चन्द्रमा की सतह पर छाया पड़ती है। इसे ही ग्रहण कहते हैं। यह आंशिक और पूर्ण ग्रहण होता है।
चंद्र ग्रहण के प्रकार
चांद ग्रहण दो तरह का होता है , आंशिक और पूर्ण चंद्र ग्रहण। पूर्ण चंद्र ग्रहण को ब्लड मून भी कहा जाता है।
चांद ग्रहण का समय और सूतक काल
भारत में चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को शाम 5 बजकर 20 मिनट से दिखाई देना शुरू होगा। ग्रहण शाम 6 बजकर 20 मिनट पर दिखाई देना बंद हो जाएगा।
धार्मिक जानकारी
हिंदू धर्म में सूरज या चांद ग्रहण को अशुभ माना जाता है। हालांकि , यह एक भौगोलिक प्रक्रिया है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार , सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस दौरान किसी भी तरह की पूजा या मुहूर्त नहीं किया जाता है। धार्मिक पंडितों के अनुसार, भारत के सूतक काल का समय सुबह 8 बजकर 20 मिनट से शुरू हो रहा है।