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देश की जीडीपी का आप पर क्या होता है असर ? यह रहस्य नहीं जानते होंगे आप

दिसम्बर 4, 2021 | by

How does the country’s GDP affect you? you don’t know this secret

देश की जीडीपी में 55% हिस्सा हमारे आपके खर्च पर निर्भर करता है। अगर आप मॉल में शॉपिंग करें या बच्चों की फीस भरे देश की जीडीपी बढ़ा रहे हैं। इस बार की तिमाही में हमने आपने करीब 19.5 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं।

साल 2021 की दूसरी तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर 8.4 फ़ीसदी रही है। लेकिन कितना सुकून देने वाला तरक्की का आंकड़ा है यह? जीडीपी के इन नंबरों में मंदी की वापसी की कितनी उम्मीद होती है? जीडीपी के आंकड़ों  के भीतर झांकें तो यह तो कुछ राहत है ,कुछ दिक्कत यानी कुछ बीमार का हाल पहले से बेहतर हो गया है। लेकिन दौड़ने में अभी समय लगेगा।

जीडीपी और अर्थव्यवस्था

दरअसल जीडीपी अर्थव्यवस्था में कितनी मांग है ? इसका पैमाना होती है। इसके साथ ही इसका लेखा-जोखा कि कौन कितना खर्च कर रहा है, खर्च सबसे जरूरी चीज है। आपका खर्च ही कंपनियों की मांग और कंपनियों के खर्च में आपके रोजगार छुपे हैं। ऐसे में खर्च के सहारे समझें देश की अर्थव्यवस्था का हाल।

दूसरी तिमाही में उपभोक्ताओं ने खर्च किए 19.5 लाख करोड रुपए

आर्थिक विकास दर में 55 फ़ीसदी हिस्सा हम सब के खर्च का है। अगर आप शॉपिंग करते हैं, बच्चों की फीस भरते हैं बिजली बिल भरते हैं या दूसरी तरह के खरीदारी करते हैं तो आप देश की जीडीपी को बढ़ा रहे हैं। इस तिमाही में देश की जीडीपी में आप सब ने 19.5 लाख करोड रुपए खर्च किए हैं। यह पिछले साल के बनिस्बत 17.35 लाख करोड़ है। लेकिन 2019-20 के मुकाबले करीब एक लाख करोड़ रुपए कम है।

कोरोना महामारी का असर रहा

पिछले साल की तुलना में करना सही नहीं होगा।  बाजार आधे अधूरे खुले थे। लोगों की आय और नौकरियां चली गई बचत की राशि दांव पर लगानी पड़ी। ऐसे में कौन खर्च करता ? लेकिन कोरोनावायरस माहवारी से पहले वाले साल के बराबर हम अभी भी खर्च नहीं कर पा रहे हैं। यह सबसे दिक्कत वाली बात है।

ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल

सबसे बड़ी खर्च की बात करते हैं। यानी कंपनियों ने कितना खर्च किया या निवेश किया ? इसे ग्रॉस फिक्स्ड कैपिटल फॉरमेशन कहते हैं। इसे ऐसे समझी कि कंपनियों ने प्लांट लगाने में अपना कारोबार बढ़ाने में कितना पैसा खर्च किया है। यही खर्च रोजगार बढ़ाता है। यहां रहते तो खर्च पिछले 5 साल के उच्चतम स्तर पर हुआ। पिछले 5 वर्षों की दूसरी तिमाही में इतना निवेश कभी नहीं हुआ। मंदी से वापसी को सबसे बड़ा सहारा यहीं से मिला है।

भारत सरकार ने दूसरी तिमाही में खर्च किए 3.61 लाख करोड रुपए

अब बात सरकार के खर्च की करते हैं। माना ही जाता है कि जब अर्थव्यवस्था संकट में होती है। मांग का पहिया नहीं चल रहा होता है तो सरकार खर्च करके इसे सहारा देती है। लेकिन सरकार की जेब में पैसा नहीं था तो खर्च नहीं हुआ। और सरकार ने दूसरी तिमाही में 3.61 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं। पिछला साल छोड़ दे तो यह बात सीधे 5 वर्षों में सबसे कम है।

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कहने का मतलब यह है कि सरकार अर्थव्यवस्था की वापसी में बहुत ज्यादा मदद नहीं कर सकती है। यह हमारे आपके रोजगार और खर्च ही हैं जो जीडीपी को उछाल सकते हैं। लेकिन इस राह में महंगाई सबसे बड़ा रोड़ा बनी हुई है।

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