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क्या है टू फिंगर टेस्ट? रेप पीड़िता एयरफोर्स अधिकारी के टेस्ट पर भड़का महिला आयोग

भारतीय वायु सेना की महिला अधिकारी के यौन उत्पीड़न और फिर डॉक्टरों द्वारा उसके टू फिंगर टेस्ट किए जाने को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कड़ी आपत्ति जताई है। महिला आयोग ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि एयर फोर्स के डॉक्टरों की तरफ से टू फिंगर टेस्ट किया जाना महिला अधिकारी की गरिमा और निजता का हनन है।

भारतीय वायु सेना की महिला अधिकारी के यौन उत्पीड़न और फिर डॉक्टरों द्वारा उसके टू फिंगर टेस्ट किए जाने को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कड़ी आपत्ति जताई है। महिला आयोग ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि एयर फोर्स के डॉक्टरों की तरफ से टू फिंगर टेस्ट किया जाना महिला अधिकारी की गरिमा और निजता का हनन है।

आयोग ने कहा कि यह सुप्रीम कोर्ट की तरफ से दिए गए आदेश के विपरीत है। जिसमें इस तरह के टेस्ट पर रोक लगाने की बात कही गई थी। महिला अधिकारी ने अपने ही सहकर्मी के खिलाफ यौन उत्पीड़न करने की शिकायत दर्ज कराई थी। यही नहीं उन्होंने कहा है कि इसके बाद रेप की पुष्टि के लिए डॉक्टरों ने टू फिंगर टेस्ट किया था जो कि शर्मनाक है।

इस मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने एयर चीफ मार्शल को भी पत्र लिखा और जरूरी कदम उठाने के लिए कहा। राष्ट्रीय महिला आयोग ने कहा है कि वायु सेना के डॉक्टरों को दिशा निर्देश के बारे में बताना चाहिए। साल 2014 में इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च ने भी टू फिंगर टेस्ट को असंवैधानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने टू फिंगर टेस्ट को गलत करार देते हुए कहा था कि इससे किसी के साथ रेप होने या ना होने की पुष्टि नहीं की जा सकती। अदालत ने कहा था कि यदि कोई नियमित तौर पर संबंध बना रहा है तो वह कैसे फिर यह टेस्ट कारगर साबित होगा।  यही नहीं हाल ही में पाकिस्तान के लाहौर की हाईकोर्ट ने भी इस टेस्ट को असंवैधानिक करार दिया है।

क्या होता है टू फिंगर टेस्ट

टू फिंगर टेस्ट की कड़ी आलोचना करने वाले इसे एक बार फिर से रेप जैसी दर्दनाक चीज के से गुजरने वाला बता रहे हैं। दरअसल यह है कि मैनुअल प्रक्रिया है। इसके तहत डॉक्टर पीड़िता के प्राइवेट पार्ट में एक या दो उंगली डालकर टेस्ट करते हैं कि वह कुंवारी है या नहीं। यदि उंगलियां आसानी से चली जाती है तो माना जाता है कि वह सेक्शुअली एक्टिव थी। इससे वहां उपस्थित हायमन का पता भी लगाया जा सकता है। इस प्रक्रिया की तीखी आलोचना होती रही है। जिस पर सर्वोच्च अदालत ने भी रोक लगा दी है। यह किसी पीड़ितों की गरिमा के खिलाफ है। इसके अलावा अवैज्ञानिक भी है।  और जानकार मानते हैं कि इससे यह पता लगाना मुश्किल होता है कि बलात्कार हुआ है या नहीं।

क्या है मामला 

भारतीय वायुसेना में जो रेप का केस चर्चा में है। उसमें महिला अधिकारी ने आरोप लगाया है कि उसके साथ वायु सेना प्रशासन कालेज के परिसर में रेप हुआ है। पुलिस ने दोषी अधकारी को गिरफ्तार कर लिया है।

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