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जब ‘स्वर कोकिला’ को जहर देकर की गई थी मारने की कोशिश, मौत को मात देकर वापिस लौटी थी लता दीदी 

33 वर्ष की उम्र में लता दीदी को जहर देकर जान से मारने की साजिश रचाई गई थी। उनकी तबियत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें हरे रंग की उल्टियां होने लगी थी और पेट दर्द के कारण उनकी हालत और बिगड़ रही थी। 

33 वर्ष की उम्र में लता दीदी को जहर देकर जान से मारने की साजिश रचाई गई थी। उनकी तबियत इतनी बिगड़ गई थी कि उन्हें हरे रंग की उल्टियां होने लगी थी और पेट दर्द के कारण उनकी हालत और बिगड़ रही थी।

हिंदी सिनेमा की दिग्गज गायिका लता मंगेशकर आज हमारे बीच नहीं रही। लता दीदी ने लबें समय तक अपनी सुरीली आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध किया। उन्होंने मात्र 13 साल की उम्र में काम करना शुरू कर दिया था और अब तक उन्होंने 30 हजार से अधिक गाने गाये थे। परंतु आज अपने लाखों करोड़ो चाहने वालों की आँखों में आंसु छोड़ लता दीदी इस दुनिया को अलविदा कहकर चली गई।

जब लता दीदी को दिया जा रहा था धीमा जहर

लता मंगेशकर के जीवन के बारे में आज हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे है जिसे शायद आप में से कुछ लोग जानते होंगे। ये बात उस समय की है है जब लता दीदी 33 साल की थी। तब उन्हें जहर देकर मारने की साजिश रचाई गई थी। साल 1962, जब हर दिन की तरहं लता दीदी सुबह उठी तो उठते ही उनके पेट में तेज दर्द शुरू हो गया। उनको  इतना दर्द हो रहा था कि वे अपनी जगह से हिल भी नहीं पा रही थी।

हरे रंग की उल्टियां देख सब हुए हैरान

सब लोग तब चौंक गए जब उन्हें हरे रंग की उल्टियां होने लगी। इसके बाद आनन-फानन में डॉक्टर को बुलाया गया। डॉक्टर ने उनका चेकअप किया और बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा है। यह सब सुन उनका बावर्ची बिना सैलरी लिए ही घर छोड़कर भाग गया था। इस घटना से लता जी कि छोटी बहन ऊषा मंगेशकर बहुत डर गई और तब से उन्होंने ठान लिया था कि रसोई की जिम्मेदारी अब वे खुद ही संभाला करेंगी।

मशहूर गायक मजरूह सुल्तानपुरी ने की थी मदद

इस घटना के बारे में जब मशहूर गायक और शायर मजरूह सुल्तानपुरी को पता चला तो वे रोज श्याम लता दीदी से मिलने उनके घर जाया करते थे। वे उनका मन बहलाने के लिए उन्हें कुछ कविताएँ सुनाते थे। उन्होंने लता मंगेशकर को ठीक होने में बहुत मदद की थी और इस बात को लता दीदी ने भी माना था।

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