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Geert Wilders: कौन हैं गीर्ट विल्डर्स जो बनने जा रहे है नीदरलैंड के प्रधानमंत्री, पैगंबर मोहम्मद मामले में कर चुके हैं नूपुर शर्मा का सपोर्ट

नवम्बर 23, 2023 | by

Who is Geert Wilders who is going to become the Prime Minister of Netherlands, has supported Nupur Sharma in Prophet Mohammad case

पैगंबर मोहम्मद मामले में बीजेपी नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले नीदरलैंड के सांसद Geert Wilders अब प्रधानमंत्री बन सकते हैं। गीर्ट विल्डर्स अक्सर इस्लाम विरोधी बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहते हैं। उनके पार्टी फॉर फ्रीडम दल को भारी जीत मिल सकती है।

यूरोपियन यूनियन को बेकार बताने वाले और इस्लाम विरोधी ब्यान देकर सुर्ख़ियों में रहने वाले नीदरलैंड के एमपी गीर्ट विल्डर्स अब अपने देश के पीएम बन सकते हैं। चुनावों में उनकी पार्टी फॉर फ्रीडम बहुमत हासिल कर सकती है। एग्जिट पोल में उनकी पार्टी बहुमत हासिल करती हुई नजर आ रही है। दूसरे वर्ल्ड वॉर के बाद नीदरलैंड में इतना बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। एनओएस के एग्जिट पोल में कहा गया कि गीर्ट की पार्टी संसद की 150 सीटों वाले निचले सदन में 35 सीटें जीत चुकी है। जो पिछले चुनाव में जीती गई कुल 17 सीटों से डबल हैं।

नूपुर शर्मा का सपोर्ट किया

एक टीवी डिबेट के दौरान भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की तरफ से पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई टिप्पणी के बाद पुरे विश्व में बवाल मच गया था। हालांकि, नीदरलैंड के सांसद गीर्ट विल्डर्स ने नूपुर शर्मा के ब्यान का समर्थन किया था। उस समय उन्होंने नूपुर शर्मा के समर्थन में कई ट्वीट किए थे। अपने एक ट्वीट में गीर्ट ने नूपुर का समर्थन करते हुए बीजेपी नेत्री को शेरनी कहा था। उनहोंने उस समय लिखा, ” एक शेरनी, सौ गीदड़। ” इसके अलावा उन्होने कि भारत को कट्टरपंथी मुसलमानों के दबाव में नहीं आना चाहिए। कहा-भारत की राजनेता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के बारे में जो बोला,वो सही था। इसलिए मैं अपने भारतीय दोस्तों से अपील करता हूँ कि वे इस्लामिक देशों के दबाव में न आएं।

कौन हैं गीर्ट विल्डर्स ?

गीर्ट विल्डर्स का जन्म नीदरलैंड के एक छोटे से कस्बे में वर्ष 1963 में हुआ था। उनके पिता एक प्रिंटिंग प्रेस में काम करते थे। वह रोमन कैथोलिक परिवार में प्ले बड़े हुए। वह लगातार इस्लाम और इस्लामिक देशों की आलोचना करते रहते हैं। हालांकि, मुस्लिम देशों की आलोचना करने के कारण उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां भी मिल चुकी हैं। वह कुरान पर पाबंदी लगाने और मस्जिदों को बैन करने की मांग करते रहते हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत एक स्पीच राइटर के रूप में की थी। साल 2006 में गीर्ट ने पार्टी फॉर फ्रीडम नाम की अपनी पार्टी बनाई।

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