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Kejriwal ने पत्र लिखकर हरियाणा सीएम खट्टर से जताई नाराजगी

नवम्बर 12, 2018 | by pillar

Why did Arvind Kejriwal express his displeasure with Haryana CM Khattar by writing a letter

Kejriwal ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को पत्र लिख कर कहा कि हमारे राजनैतिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन एक मुख्यमंत्री के पत्र का जवाब दूसरे मुख्यमंत्री को जरूर देना चाहिए।

अरविंद केजरीवाल ने खत लिखकर नाराजगी जताते हुए लिखा,आदरणीय खट्टर साहिब, मैंने आपको 2 नवंबर 2018 को पत्र लिखा था।उसका कोई जवाब नहीं आया।थोड़ा बुरा लगा।केजरीवाल ने लिखा हमारे चाहे कितने भी राजनैतिक मतभेद हो लेकिन मर्यादानुसार एक मुख्यमंत्री को दूसरे मुख्यमंत्री के खत का जवाब जरूर देना चाहिए।

पत्र में लिखा ‘अपने पत्र में मैंने आपकी सुविधानुसार दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक देखने की तारीख पूछी थी।साथ ही मैंने 12 नवंबर को हरियाणा की चंद डिपेंसरी देखने की इच्छा जाहिर की थी।

Kejriwal के पत्र का जवाब

आपने पत्र का जवाब नहीं दिया। क्या मैं मानु कि आप इस बात से सहमत हैं कि दिल्ली के अस्पताल और स्कूल पहले से अच्छे हो गए हैं और हरियाणा के स्कूलों,अस्पतालों की हालत अच्छी नहीं है?इस बार जनता जाति और धर्म पर वोट नही देगी।
केजरीवाल ने आगे लिखा,मै आपको चेता दूँ,हरियाणा में अगली सरकार उसकी बनेगी जो स्कूल और अस्पताल ठीक करेगा,जो जनता के काम करेगा।

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उपरोक्त पत्र दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का राजनीती में तुरुप का इक्का साबित हो सकता है।क्योंकि हरियाणा में सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की हालत दिल्ली के मुकाबले बहुत ही खराब है।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा

दूसरा जनता बदलाव की तरफ ध्यान दे रही है। हो सकता है दिल्ली की तरह हरियाणा में भी कोई राजनितिक चमत्कार हो जाए। क्योंकि कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कई घोटालों में नाम आ चुका है।बीजेपी के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर भी माइनिंग घोटाले के आरोप लग चुके हैं।इनैलो परिवार में आपस में ही फूट पड़ी हुई है।

हरियाणा की राजनीती

बस इंतजार करते रहिए साल 2019 का। हरियाणा की राजनीती किस तरफ का रुख अपनाएगी? ये तो मुद्दों और जनता की विचारधारा पर निर्भर करेगा।क्या दिल्ली की तरह हरियाणा में भी आम आदमी पार्टी इतिहास दोहराएगी या फिर एक क्षेत्रीय दल बन क्र रह जाएगी?

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