क्या AAP छोड़कर सपा में शामिल होंगे अवध ओझा? जानें सच्चाई

Avadh Ojha को एक मशहूर शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में जाना जाता है। उन्होंने 2025, दिल्ली विधानसभा चुनाव AAP की टिकट पर लड़ा था।

आम आदमी पार्टी की टिकट पर दिल्ली की पटपड़गंज सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले अवध ओझा के समाजवादी पार्टी में शामिल होने की चर्चा हो रही है। हाल ही में उन्होंने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की है। इसके साथ ही ये भी बता दें, उत्तर प्रदेश में 2027 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में ओझा का यादव के साथ मुलाकात करना चर्चा का विषय बना हुआ।

Avadh Ojha ने आप की टिकट पर लड़ा चुनाव

अवध ओझा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में AAP उम्मीदवार के रूप में पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़ा। ये सीट पहले मनीष सिसोदिया की थी। सिसोदिया पटपड़गंज सीट से तीन बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन अवध ओझा को हार का सामना करना पड़ा।

विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान ओझा ने आम प्रमुख अरविंद केजरीवाल की तारीफ भी की थी उन्होंने कहा था। “आम आदमी पार्टी दिल्ली के लिए एक संपदा है। ” हालांकि हार के बाद अवध ओझा की राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।

अवध ओझा के सपा में शामिल होने की अटकलें

हाल ही में 8 जून 2025 को कई एक्स-पोस्ट में दावा किया गया कि अवध ओझा ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से मुलाकात की। इस मुलाकात को आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (2027) में टिकट की संभावना से जोड़कर देखा जा रहा है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर की गई कई पोस्ट के अनुसार, अवध ओझा ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से करीब आधे घंटे तक मुलाकात की। कुछ पोस्ट में दावा किया गया कि अवध ओझा को सपा में ब्राह्मण चेहरा माना जा सकता है और उन्हें देवीपाटन मंडल से विधायक का टिकट मिल सकता है।

क्या समाजवादी पार्टी में शामिल होंगे अवध ओझा ?

हालांकि एक्स पोस्ट में ऐसी खबरें हैं और कुछ चर्चाएं भी हैं कि अवध ओझा सपा में शामिल हो सकते हैं लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

अभी तक किसी भी विश्वसनीय समाचार स्रोत या सपा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है जिसमें पुष्टि की गई हो कि अवध ओझा ने आप छोड़ दी है या सपा में शामिल हो रहे हैं।

ओझा बे आप से बनाई दुरी

दिल्ली में आप की हार के बाद अवध ओझा की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को झटका लगा है। अखिलेश यादव से उनकी मुलाकात को एक नई शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने आप छोड़ दी है या फिर सपा के साथ विकल्प तलाश रहे हैं।

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