आजादी के बाद पहली बार शबनम नाम की महिला को फांसी की सजा होने की संभावना है । शबनम पर प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार की हत्या करने का आरोप है ।
भारत के इतिहास में आजादी के बाद किसी महिला मुजरिम को फांसी पर नहीं लटकाया गया है । 1947 के बाद भारत में पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा होने की संभावना है ।
उत्तर प्रदेश के अमरोहा की शबनम को उसके प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार की हत्या के आरोप में फांसी पर लटकाया जाना लगभग तय है । शबनम ने साल 2008 में अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने परिवार हत्या की थी । अमरोहा मर्डर मामले में दोषी ठहराए गए सलीम और शबनम यूपी की अलग अलग जेलों में सजा काट रहे हैं ।
शबनम की दया याचिका पहले ही यूपी के राज्यपाल और भारत के राष्ट्रपति द्वारा ख़ारिज की जा चुकी है । दोनों की मौत का वारंट जारी होने के बाद जल्द ही फांसी दिए जाने की संभावना है । इस समय शबनम रामपुर की जिला जेल में बंद है और उसका प्रेमी सलीम आगरा की जिला जेल में बंद है ।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार ,जेलर राकेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रशासन ने फांसी तैयारी शुरू कर दी है । उनकी दया याचिका को राष्ट्रपति ने ख़ारिज कर दिया है ।
जेलर राकेश वर्मा ने कहा ,” हमने अमरोहा प्रशासन से उनके डेथ वारंट प्राप्त करने का अनुरोध किया है । वारंट मिलते ही हम उसे मथुरा जेल में स्थानांतरित कर देंगे । क्योंकि, मथुरा जेल में महिलाओं को फांसी देने का प्रावधान है ।”