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कतर की जेल से 8 भारतीय पूर्व नौसैनिक रिहा, 7 वतन वापस लौटे, जासूसी का लगा था आरोप

फ़रवरी 12, 2024 | by

8 Indian ex-marines released from Qatar jail

कतर की जेल से रिहा होने वाले 8 भारतीय नागरिक पहले भारतीय नौसेना में कर्मचारी काम करते थे। इन सभी पर कथित तौर पर कतर के सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का आरोप लगा था। ये लोग अक्टूबर 2022 से कतर की जेल में बंद थे।

सोमवार के दिन कतर की अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को रिहा करने का आदेश दिया है। रिहाई के बाद इनमें से सात पूर्व नौसैनिक भारत वापस लौट आए हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक्स पर इस बात की जानकारी दी है। इन आठों पूर्व नौसैनिकों पर कतर में जासूसी करने का आरोप लगा था। कतर कोर्ट ने इन सभी को सजा-ए-मौत सुनाई थी। जिसके बाद इन सभी को रिहा करवाना काफी मुश्किल हो रहा था।

भारत सरकार ने कतर की अदालत के फैसले का स्वागत किया है। इससे पहले भारत सरकार ने अपने आठों नागरिकों को मौत की सजा से बचाने के लिए अपील की थी। जिसके बाद 28 दिसंबर 2023 को खाड़ी देश की अदालत ने इन सभी की मौत की सजा पर रोक लगा दी थी।

आठों पूर्व नौसैनिकों के रिहा होने पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा,” भारत सरकार कतर की जेल में बंद किए गए अल दहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठों भारतीय नागरिकों की रिहाई का स्वागत करती है। हम इन सभी की रिहाई के लिए कतर के अमीर के फैसले की तारीफ करते हैं। आठ में से साथ पूर्व नौसैनिक भारत लौट आए हैं। ” वहीं वतन वापस लौटे सात नागरिकों में से एक ने कहा,”हम बहुत खुश हैं कि हम सकुशल वतन वापस लौट आए हैं। निश्चित रूप से हम पीएम मोदी को धन्यवाद देना चाहेंगे। क्योंकि यह सब उनके निजी हस्तक्षेप के कारण ही संभव हो पाया है। ”

बता दें, इन सभी को रिहा करवाने के लिए भारत और कतर के बीच राजनयिक वार्ता चल रही थी। जिसके बाद इन सभी की मौत की सजा को बढ़ी हुई जेल की सजा में बदल दिया गया था। इससे पहले इन सभी का परिवार वालों ने रिहाई के लिए भारतीय विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई थी।

क्यों सुनाई गई थी मौत की सजा ?

खाड़ी देश की जेल में बंद आठों भारतीय नागरिक पहले भारतीय नौसेना में काम करते थे। इन सभी पर कतर सबमरीन प्रोग्राम की जासूसी करने का आरोप लगा था। इन्हे गिरफ्तार कर लिया गया थे। ये सभी अक्टूबर 2022 से कतर की जेल में बंद थे। पिछले साल ही इन्हे मौत की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, कतर कोर्ट ने इन्हे किस मामले में दोषी करार दिया था, ये सार्वजनिक नहीं किया गया।

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