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Delhi MCD Mayor: दिल्ली में AAP की शैली ओबरॉय बनीं मेयर, बीजेपी राज खत्म

फ़रवरी 22, 2023 | by

Delhi MCD Mayor: AAP’s Shaili Oberoi becomes mayor of Delhi, BJP rule ends

Shelly Oberoi Delhi MCD mayor: दिल्ली में मेयर का ताज आम आदमी पार्टी की शैली ओबरॉय के सर सजा है। 80 दिन के उठापटक के बाद आखिरकार दिल्ली को मेयर मिल गया है। अब एमसीडी में बीजेपी का राज खत्म हो गया है।

पिछले 80 दिनों की राजनितिक उठापटक के बाद आखिरकार दिल्ली को अपना मेयर मिल गया है। दिल्ली नजर निगम चुनाव के 80 दिन बाद चौथे प्रयास की मतगणना में आम आदमी पार्टी की शैली ओबरॉय ने भारतीय जनता पार्टी की रेखा गुप्ता को कड़ी मात दी है। इसी के साथ दिल्ली एमसीडी में पहली बार आम आदमी पार्टी का मेयर बन गया है। मेयर के चुनाव में 241 पार्षद, 10 सांसदों और 14 विधायकों ने वोट डाला। हालांकि, भारतीय  जनता पार्टी आखिरी समय तक जीत को लेकर आश्वस्त थी। लेकिन शैली ओबरॉय ने बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेर दिया।

सुप्रीम कोर्ट किन फटकार के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने पिछले हफ्ते ही मेयर पद का चुनाव कराने के लिए एमसीडी की बैठक बुलाने की मंजूरी दी थी। एमसीडी में स्थाई सदस्यों का चुनाव कराने के लिए तारीख तय करने के लिए दिल्ली नगर निगम की पहली बैठक बुलाने के लिए 24 घंटे के अंदर नोटिस जारी करने का आदेश दिया था।

अदालत ने आम आदमी पार्टी की मेयर उम्मीदवार शैली ओबरॉय की याचिका पर सुनवाई करते हुए चुनाव कराने का आदेश दिया था। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि उपराज्यपाल नामित सदस्य एमसीडी के मेयर चुनाव में मतदान नहीं कर सकते।

तीन बार की कोशिश फेल

दिल्ली नगर निगम का चुनाव हुए 80 दिन हो गए हैं। दिल्ली MCD चुनाव 4 दिसंबर 2022 को हुए थे। एमसीडी चुनाव के एक महीने बाद 6 जनवरी को पहली बार सदन की बैठक बुलाई गई थी। बीजेपी और आप के सदस्यों के बीच हुई बहस के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद 24 जनवरी और 6 फरवरी को चुनाव के लिएबुलाई गई बैठकें भी विफल रही। इन दोनों बैठकों को बिना मेयर के चुनाव के ही स्थगित किया गया।

किसको कितनी  सीटें मिली ?

बता दें, 7 दिसंबर को आए एमसीडी चुनाव के नतीजों में आम आदमी पार्टी ने कुल 250 में 134 वार्डों पर जीत हासिल की थी। दूसरे नंबर पर पिछले 15 साल से एमसीडी में शासन कर रही बीजेपी रही। वहीँ, कांग्रेस पार्टी को मात्र 9 सीटों पर संतोष करना पड़ा था।

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