Site icon www.4Pillar.news

ब्लैक और वाइट फंगस के बाद अब मंडराया येलो फंगस का खतरा,जानिए कितना खतरनाक है ये वायरस

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर अभी खत्म ही नहीं हुई अब ब्लैक ,वाइट और येलो फंगस का खतरा मंडराने लगा है । ब्लैक ,वाइट और येलो फंगस ने अब डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर अभी खत्म ही नहीं हुई अब ब्लैक ,वाइट और येलो फंगस का खतरा मंडराने लगा है । ब्लैक ,वाइट और येलो फंगस ने अब डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है ।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के एक मरीज में येलो फंगस की पुष्टि की गई है । डॉक्टर ने बताया कि येलो फंगस गिरगिट और छिपकली में पाया जाता था लेकिन अब इंसानों में भी पाया जाने लगा है । डॉक्टर ने बताया कि जिस मरीज में येलो फंगस पाया गया है वह पहले कोरोना संक्रमित रह चूका है और डायबिटीज का मरीज भी है ।

डॉक्टरों के अनुसार ,ब्लैक फंगस के इलाज के लिए ऑपरेशन थिएटर में सफाई चल रही थी । इसी दौरान मरीज में येलो फंगस के लक्षण पाए गए । जाँच में पता चला कीं मरीज येलो फंगस से भी संक्रमित है । डॉक्टरों के अनुसार अब मरीज की हालत में पहले से काफी सुधर है ।

डॉ ओपी त्यागी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को बताया कि गाजियाबाद के संजय नगर से मेरे पास एक मरीज आया था । ईएनटी स्पेस्लिस्ट बे बताया कि एंडोस्कोपी टेस्ट में पता चला कि मरीज ब्लैक वाइट और येलो फंगस से संक्रमित है । उन्होंने बताया कि येलो फंगस रेप्टाइल्स में पाया जाता है लेकिन मैंने पहली बार इसे इंसान में देखा है ।

कोरोना वायरस के बाद ब्लैक फंगस ,वाइट फंगस और अब येलो फंगस ने डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है । डॉक्टरों के अनुसार इस बीमारी को म्युकर स्पेक्टिस कहा जाता है , यह फंगस ब्लैक और वाइट फंगस से भी खतरनाक है । यह इस कदर खतरनाक है कि मरीज की जान भी जा सकती है । डॉक्टरों के अनुसार येलो फंगस गिरगिट और छिपकली में पाया जाता था । इतना ही नहीं यह फंगस जिस रेप्टाइल में पाया जाता था वह जिंदा नहीं बचता था ।  इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह फंगस इंसानों के लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है ।

Exit mobile version