सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार दिन पूर्व सैनिकों को मिलने वाली वन रैंक वन पेंशन को लेकर केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। भारत के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने केंद्र सरकार को लगभग 25 लाख पूर्व सैनिकों को OROP का बकाया 15 मार्च तक देने के लिए कहा था। इस मामले पर 20 जनवरी को रक्षा मंत्रालय की तरफ से एक पत्र जारी करने का निर्देश दिया था।
सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार अब पूर्व सैनिकों ‘वन रैंक वन पेंशन’ देने की दिशा में काम कर रही है। केंद्र सरकार ने इसके लिए तारीख भी तय कर दी है। जल्द ही पूर्व सैनिकों के बैंक खातों में नई पेंशन व्यवस्था के तहत पेंशन जमा कर दी जाएगी।
OROP का बकाया
बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने वन रैंक वन पेंशन में हुई देरी को लेकर सोमवार के दिन केंद्र सरकार को फटकार लगाई थी। सर्वोच्च अदालत की फटकार के बाद रक्षा मंत्रालय ने रक्षा लेखा महानियंत्रक को एकमुश्त क़िस्त में वन रैंक वन पेंशन जारी करने का निर्देश दिया है।
लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, रक्षा लेखा महानियंत्रक के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा ,” हमें रक्षा मंत्रालय की तरफ से 15 मार्च तक वन रैंक वन पेंशन का एक क़िस्त में भुगतान करने के लिए आवश्यक निर्देश मिले हैं। पेंशन समय सीमा पर जारी की जाएगी। ”
समय सीमा तय
बता दें, इससे पहले 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को पूर्व सैनिकों की पेंशन का बकाया 15 मार्च तक देने का निर्देश दिया था। इसके बाद रक्षा मंत्रालय की तरफ से दिए गए जवाब में 20 जनवरी को चार छमाही किस्तों में वन रैंक वन पेंशन देने की बात कही गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कड़ा रुख अपनाते हुए एक क़िस्त में ओआरओपी जारी करने का निर्देश दिया। कोर्ट के निर्देश के बाद अब 15 मार्च तक पेंशन जारी करने की बात कही गई है।