Amarnath Yatra हिंदू धर्म से सबसे पवित्र यात्राओं में से एक है। यह हर साल Barfani Baba के दर्शन के लिए आयोजित की जाती है। अमरनाथ गुफा में हर वर्ष लाखों श्रद्धालु दर्शन करने जाते हैं। आइये जानते हैं, इस यात्रा के बारे में अहम जानकारियां।
Amarnath Yatra प्रारंभ
इस वर्ष अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू हो रही है। यह 9 अगस्त 2025 को श्रावण पूर्णिमा ( रक्षाबंधन ) के दिन समाप्त होगी। यात्रा कुल 38 दिन तक चलेगी। Amarnath Yatra का पहला जत्था 3 जुलाई को रवाना होगा। जो जम्मू के दो मार्गों बालटाल और पहलगाम के रास्ते गुफा की तरफ प्रस्थान करेगा। भारत सरकार ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम किए हुए हैं।
अमरनाथ यात्रा का इतिहास
अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) की शुरुआत प्राचीन काल से मानी जाती है। यात्रा का उल्लेख नीलमत पुराण और बृंगेश संहिता में किया गया है। कहा जाता है कि सबसे पहले महर्षि भृंगु ने इस गुफा की खोज की थी। उस समय पूरी कश्मीर घाटी जलमग्न हो गई थी , जलस्तर कम होने महर्षि भृंगु ने इस गुफा को खोजा था।
अमरनाथ गुफा को प्राचीन काल में “अमरेश्वर’ कहा जाता था। कुछ इतिहासकारों का दावा है कि गुफा को बूटा मलिक नाम के एक मुस्लिम चरवाहे ने फिर से खोजा। नीलमत पुराण और बृंगेश संहिता में इसके प्राचीन होने का प्रमाण है।
अमरनाथ गुफा से जुडी अहम जानकारियां
अमरनाथ गुफा जम्मू कश्मीर के अनंतनाग जिले में स्थित है। इसकी समुद्रतल से ऊंचाई 12756 फीट है। यह अनंतनाग से 168 किलोमीटर दूर है। गुफा 19 मीटर गहरी, 16 मीटर चौड़ी और 11 मीटर ऊंची है। यह हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं और ग्लेशियरों से घिरी हुई है।
अमरनाथ यात्रा का मार्ग
अमरनाथ गुफा (Barfani Baba) तक पहुंचने के लिए दो मुख्य मार्ग हैं।
- पहलगाम मार्ग: इसकी लंबाई 48 किलोमीटर है। जो पहलगाम से शुरू होकर चंदनवाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी और फिर गुफा तक जाता है। रास्ते में शेषनाग झील और पंचतरणी जैसे दर्शनीय स्थल हैं।
- बालटाल मार्ग: इस मार्ग की लंबाई 12 किलोमीटर है। हालाँकि यह रास्ता लंबाई में कम है लेकिन चलने के लिए थोड़ा कठिन है। यह बालटाल से शुरू होकर दोमेल, बुरारी मार्ग और संगम होते हुए गुफा तक जाता है। खड़ी चढ़ाई होने के कारण यह रास्ता चुनौतीपूर्ण है।
अमरनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण और शर्तें
यात्रा के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। पंजीरकरण ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड़ में कराया जा सकता है। इसके लिए आधार कार्ड, गवर्नमेंट आईडी और हेल्थ सर्टिफिकेट अनिवार्य हैं। पंजीकरण शुल्क ऑनलाइन 220 रुपए और ऑफलाइन 120 रुपए है।
पंजीकरण करने की शर्तें
ऊंचाई वाले रास्तों के कारण मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य है। 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, 70 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों और छह महीने से अधिक गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण नहीं होता है। यात्रा के दौरान आरएफआईडी कार्ड साथ रखना जरूरी होता है। इसे जम्मू या कश्मीर के यात्रा केंद्रों से प्राप्त किया जा सकता है।
आर्मी चीफ बिपिन रावत से अमरनाथ की गुफा के पास एनएसए अजित डोभाल ने की बात