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Chhapaak Movie Review:आंखों में आंसू और सीने में जोश भरती है दीपिका पादुकोण की छपाक मूवी

जनवरी 9, 2020 | by pillar

Deepika padukone starrer Chhapaak Movie

Deepika Padukone starrer Chhapaak Movie

बॉलीवुड फिल्म निर्देशक मेघना गुलजार ने एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल का टॉपिक और दीपिका पादुकोण को इसके किरदार के लिए चुना। दोनों ही दिल को छू लेने वाले हैं।

मेघना गुलजार ने अपनी पिछली दोनों फ़िल्में तलवार और राजी सत्य घटनाओं पर आधारित कहानी पर बनाई थी। दोनों ही फिल्मों के जरिए मेघना गुलजार दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब रही। इस बार मेघना गुलजार ने सत्य घटना पर आधारित लक्ष्मी अग्रवाल की जिंदगी से जुड़ी कहानी को छपाक फिल्म में दिखाया है। एक सधे हुए निर्देशन में बनी फिल्म छपाक एक अनंत पीड़ा के साथ दिल से लेकर दिमाग तक को जीतने करती है। फिल्म आपकी आंखों में आंसू और सीने में जोश भर देगी।

एसिड अटैक पीड़िता लक्ष्मी अग्रवाल की रियल लाइफ को रील में कैद कर परदे पर उतारने में मेघना गुलजार ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। छपाक इस साल की ही नहीं बल्कि इस दशक के सबसे महत्वपूर्ण फिल्म है।

छपाक फिल्म की कहानी मालती ( Deepika Padukone ) की है। जो एसिड अटैक पीड़िता है अपनी जिंदगी की जंग पूरी हिम्मत और ताकत के साथ लड़ रही है। मालती की इस जंग में उसके साथी हैं अमोल (विक्रांत मैसे ) और उनकी वकील ( मधुरजित सरगी ). इस तरह फिल्म की कहानी कहीं भी ज्यादा नाटकीय नहीं लगती है। फिल्म की कहानी मालती के संघर्ष और इच्छा शक्ति की तरफ इशारा करती है। मेघना गुलजार ने कहीं भी फिल्म की कहानी को भ्रामक और उपदेशात्मक नहीं होने दिया है। यही बात छपाक फिल्म की सबसे बड़ी खास है।बॉलीवुड अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के हेयर स्टाइल पर पति रणवीर सिंह ने किया बहुत प्यारा कमेंट

Chhapaak Movie की इमोशनल कहानी को पावरफुल बनाने में दीपिका पादुकोण का अभिनय बहुत मायने रखता है। दीपिका पादुकोण ने मालती के किरदार को बहुत ही मजबूती के साथ परदे पर जिया है। दीपिका ने मालती की जिंदगी की हर बारीकी को पकड़ने की बहुत कोशिश की है। इसमें चाहे खुशी हो, दर्द हो या फिर कोर्ट कचहरी या जिंदगी की जंग हो दीपिका पादुकोण ने हर मोर्चे पर दिल जीता है। विक्रांत मैसे) ने भी दीपिका पादुकोण का अभिनय के मामले में अच्छा साथ दिया है।दीपिका पादुकोण की छपाक फिल्म पर लग सकता है बैन ?

Chhapaak फिल्म के दो डायलॉग ऐसे हैं जो पुरे शरीर में सिहरन पैदा करते हैं। ‘नाक नहीं है, कान नहीं हैं, झुमके कहां लटकाऊंगी ?’ दूसरा ‘कितना अच्छा होता अगर एसिड बिकता ही नहीं, मिलता ही नहीं, तो फिंकता भी नहीं। ” इस तरह मेघना गुलजार ने फिल्म की कहानी को बिलकुल सिंपल तरीके से दर्शाया है लेकिन उसमे कोई कसर भी नहीं छोड़ी है। छपाक महिलाओं पर होने वाले अमानवीय अपराध के ऊपर बुनी गई कहानी है। जिसमें जिंदगी की हकीकत, एक लड़की का दर्द और जिंदगी जीने की अभिलाषा और किसी भी हालात के बावजूद पाने दम पर खड़े होने की कहानी है।बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण आज मना रही हैं अपना 34 वां जन्म दिन,जानें कैसे बर्थडे सेलिब्रेट कर रही हैं एक्ट्रेस

रेटिंग : 4/5 स्टार

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