Cannibal Trees: दक्षिण अफ्रीका में एक ऐसा पेड़ पाया जाता है जो इंसानों को अपनी डालियों से जकड़ मार देता है। ऐसी ही कई कहानियां बहुत फेमस हैं। विवरण नीचे पढ़ें।
Cannibal Trees : रोमांचक कहानियां
Exciting stories of Cannibal Trees
इंसानों को अपनी टहनियों से जकड़कर मार देने वाले पेड़ की कहानी सन 1800 में पहली बार एक अज्ञात लेखक ने लिखी थी। जिसका सच्चाई से दूर दूर तक का वास्ता नहीं है।
1881 में जर्मन खोजकर्ता ” कार्ल लिचे”( संभवतः काल्पनिक नाम ) ने दक्षिण अफ्रीका को मकोड़ो जनजाति के बारे में एक कहानी लिखी थी। जिसमें एक पेड़ का जिक्र था , जो इंसानों को अपनी डालियों से जकड़कर मार देता था। बाद में 1887 में जे डब्ल्यू की किताब Land and Sea में इसे Ya-te-veo नाम दिया गया।
लैंड एंड सी किताब में दिए गए विवरण के अनुसार, इस पेड़ (Cannibal Trees) की डालियां सांपों की तरह लहराती हैं। पेड़ की टहनियां अपने शिकार को आकर्षित करती हैं और जैसे ही कोई जीव इसके नजदीक आता है, उसे जकड़कर मार देती हैं। अफ़्रीकी संस्करण में इसे Cobra Tree कहा जाता है। क्योंकि इसकी हरकतें कोबरा सांप जैसी होती हैं।
Cannibal Trees: साक्ष्यों की कमी
चार्ल्स डार्विन के अध्ययन के अनुसार, मांसाहारी पौधे (Cannibal Trees) जरूर होते हैं लेकिन इतने बड़े नहीं जो इंसानों को खा जाएं या मार दें। ऐसा कोई भी वैज्ञानिक सबूत नहीं है। कोई फोटो या अध्ययन ऐसा वृक्ष होने की पुष्टि नहीं करता है।
Cryptid Wiki और Snakebite Institute जैसी वेबसाइटें इसे लोककथाओं से जोड़कर देखती हैं। 2007 में, भारत के एक जंगल में एक गाय को “पकड़” लिए जाने की खबर आई थी, लेकिन वह भी ऐसी ही कहानी थी।
Man-Eating Tree of Madagascar
1881 में दावा किया गया कि मेडागास्कर में एक ऐसा पेड़ है जिसकी मकोड़ो जनजाति के लोग पूजा करते हैं। ये पेड़ इंसानों की बलि लेता है। कहानी के अनुसार, पेड़ की लटकती शाखाएं शिकार को जकड़ लेती थी और उसका रस निकाल लेती थी। यह कहानी New York World अखबार में छपने के बाद चर्चा में आई।
हालांकि, बाद में यह कहानी झूठी साबित हुई , मेडागास्कर में ना तो मकोड़ो नाम की जनजाति है ना ही कोई ऐसा पेड़। हालांकि मेडागास्कर में “पिचर प्लांट” हैं जो केवल कीड़े मकोड़े खाते हैं।
Cannibal Trees: Devil Snare tree
यूरोप की मध्ययुगीन कहानियों में एक पौधे का जिक्र है, जिसे Devil Snare tree कहा जाता है। यह कथित तौर पर जादुई जंगलों में पाया जाता था और रात में लोगों को अपनी बेलों से जकड़ लेता था। सुबह रौशनी होने पर छोड़ देता था।
Cannibal Trees: यह कहानी भी पूरी तरह काल्पनिक है। लेकिन Kudzu vine जैसे बेल कीड़ों को अपनी चिपचिपी पत्तियों से पकड़ता है। यूरोप में जंगलों के रहस्यमय होने की धारणा ने ऐसी कहानियों को जन्म दिया है।
उबासुते-यम राक्षसी वृक्ष: जापान
जापान की लोककथाओं में एक कहानी का जिक्र है। जिसमें एक पेड़ (Cannibal Trees) के बारे में कहा जाता है जो इंसानों को अपनी जड़ों में फंसाकर खा जाता है। यह पेड़ कथिततौर पर उन लोगों को दंड देता है जो बुजुर्गों को जंगल में छोड़ देते हैं। यह काल्पनिक कहानी जापानी संस्कृति में प्रकृति के प्रति श्रद्धा और डर से प्रेरित है।
भूतिया बरगद पेड़: भारत
भारत की कुछ जगहों में बरगद के पेड़ को भूतिया माना जाता है। कुछ लोककथाओं में कहा जाता है कि बरगद की जड़ें रात में लोगों को जकड़ लेती हैं। खासकर दक्षिण भारत और बंगाल में ऐसी कहानियां प्रचलित हैं।
सच्चाई : बरगद के पेड़ की हवा में लटकती जड़ें इसे रहस्यमय बनाती हैं लेकिन यह पेड़ मांसाहारी नहीं है। भारत में मांसाहारी पौधों में Drosera और Utricularia हैं, जो छोटे कीड़े खाते हैं।
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मांसाहारी पौधों की कहानियां दुनियाभर में डर और रोमांच पैदा करती हैं लेकिन ज्यादातर मिथक हैं।

