Raja Kolander का असली नाम राम निरंजन कोल है वह उत्तर प्रदेश के इतिहास में कुख्यात सीरियल किलर और नरभक्षी के रूप में जाना जाता है।
Raja Kolander: कुख्यात नरभक्षी राजा कोलंदर
कोलंदर प्रयागराज के नैनी इलाके के शंकरगढ़ के हिनौता गांव के निवासी है। उसकी आपराधिक गतिविधियों, विशेषकर 14 लोगों की हत्या और मानव खोपड़ियों से बने सूप पीने जैसे जघन्य अपराधों ने उसे एक खूंखार अपराधी के रूप में कुख्यात बना दिया।
राजा कोलंदर का आपराधिक करियर
राजा कोलंदर (Raja Kolander) ने अपना आपराधिक करियर 2000 में शुरू किया था। उस पर पत्रकार धीरेंद्र सिंह, रायबरेली के मनोज सिंह (22) और उसके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव समेत 14 लोगों की हत्या का आरोप है। वह लोगों की हत्या करने के बाद वह उनकी खोपड़ियों को उबालकर सूप बनाता और पीता था।
इसके अलावा, उन्होंने खोपड़ियाँ एकत्र कीं और उन्हें अपने खेत के आसपास के पेड़ों पर लटका दिया, जहाँ वे उन खोपड़ियों पर रंग लगाते और जाति के अनुसार उनका नाम रखते।
राजा कोलंदर का हत्याएं करने का तरीका
Raja Kolander योजनाबद्ध तरीके से अपराध करता था। उदाहरण के लिए, उसने चारबाग से टाटा सूमो बुक की और उसके मालिक और ड्राइवर की हत्या कर दी। उसकी क्रूरता और नरभक्षण की प्रवृत्ति ने उसे एक पागल और बर्बर अपराधी के रूप में स्थापित कर दिया
राजा कोलंदर की गिरफ्तारी
राजा कोलंदर को पहली बार वर्ष 2000 में पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में उसे वर्ष 2012 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। बाद में जांच में पता चला कि वह 14 हत्याओं में शामिल था।
कोलंदर को सजा
हाल ही में लखनऊ की एडीजे कोर्ट ने 25 साल पुराने दोहरे हत्याकांड (मनोज सिंह और रवि श्रीवास्तव की हत्या) में राजा कोलंदर और उसके साले बच्छराज कोल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोनों पर ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
सीबीआई अदालत ने राजा कोलंदर को अपहरण और हत्या के मामले में भी दोषी ठहराया है। जिसके तहत उसे आजीवन जेल में रहना होगा।
नरभक्षी के परिवार का ब्यान
राजा कोलंदर के पोते ने हाल ही में एक बयान में कहा कि उनके दादा पर लगे आरोपों पर उन्हें कोई टिप्पणी नहीं करनी है। इससे पता चलता है कि परिवार भी इस मामले से दूरी बनाए रखना चाहता है।
खोपड़ी का सूप पीने वाले नरभक्षी का आपराधिक रिकॉर्ड
उत्तर प्रदेश में राजा कोलंदर का नाम अपराध जगत में खौफ का पर्याय बन चुका था। उसकी हरकतों ने स्थानीय लोगों में दहशत पैदा कर दी थी।
- हत्याएं और नरभक्षण: राजा कोलंडर ने 14 लोगों की हत्या करने की बात कबूल की। वह अपने शिकारों की खोपड़ी को काटकर उनका दिमाग निकाल लेता था और फिर खोपड़ी से सूप बनाकर पीता था।
- उसने अपने फार्महाउसों में पेड़ों पर भीगी हुई खोपड़ियाँ लटकाने और उन पर जाति के अनुसार रंग लगाने जैसे विकृत कृत्य भी किए।
- 2000 का दोहरा हत्याकांड: कोलंदर का सबसे हाई-प्रोफाइल मामला 2000 में रायबरेली के मनोज सिंह (22) और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की हत्या थी।
- उसने चारबाग से टाटा सूमो बुक की और योजनाबद्ध तरीके से उनकी हत्या कर दी। इस मामले में उसे और उसके साले वक्षराज (बच्छराज) को दोषी ठहराया गया।
- 2000 में पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या में उसका नाम सामने आया था। इस मामले में उसे 2012 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।
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