Rajbir ने अगर सरकार खून मांगती है तो मैं अपना खून देता हूं’ कहकर लगा ली फांसी
मार्च 7, 2021 | by pillar
Rajbir: केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । किसानों का यह आंदोलन पिछले 102 दिन से चल रहा है ।
किसान आंदोलन में Rajbir ने की आत्महत्या
किसान आंदोलन में अब तक 270 से भी अधिक लोगों की जान जा चुकी है । जिनमें से किसी ने फांसी लगाकर तो किसी ने जहर खाकर सरकार का विरोध करते हुए आत्महत्या की है । इसी कड़ी में टिकरी बॉर्डर पर किसान Rajbir ने शनिवार देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है ।आत्महत्या करने से पहले किसान राजवीर ने कहा ‘अगर सरकार खून मांगती है, तो मैं अपना खून देता हूं’ और इसी के बाद उन्होंने फांसी लगा ली ।
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने Rajbir की मौत पर जताया दुख
टिकरी बॉर्डर पर किसान राजबीर (Rajbir) की आत्महत्या को लेकर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक के बाद एक तीन ट्वीट करते हुए दुख जताया । कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने ट्वीट में लिखा,” टिकरी बॉर्डर से आई खबर ने मुझे अंदर तक हिला कर रख दिया है । मन विचलित है । हृदय में अपार पीड़ा है और आंखें नम है। 47 वर्षीय किसान राजबीर ने किसानों की मांग अनसुनी करने के विरोध में रात फांसी लगाकर अपनी जान दे दी ।उनके आखरी शब्दों में छिपी उनकी वेदना, उनका दर्द पढ़कर स्तब्ध हूं । “
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा,” शहीद जवान भाई राजबीर को आज हर किसान परिवार समेत पूरा देश भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है ।आज मैं भी सभी किसान भाइयों के करबद्ध निवेदन करता हूं, यह लड़ाई हम सब की है । मिलकर लड़ेंगे पर हिम्मत और संयम के साथ । आपका साथ ही आंदोलन की ताकत है । आपके प्राण इस आंदोलन के प्राण हैं ।
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अपने तीसरे ट्वीट में हुड्डा ने लिखा,” भाई राजवीर की शहादत सरकार के लिए सैकड़ों शहादतों में एक बड़ी हुई संख्या मात्र हो सकती है। पर मेरे लिए मेरे परिवार के लिए यह एक निजी क्षति है । मेरी विनती है कि किसान भाई कोई ऐसा कदम ना उठाएं । जिससे उनका परिवार, उनके साथी कमजोर पड़े । इस मुश्किल घड़ी में सब एक दूसरे का सहारा बने ।”
102 नॉट आउट
बता दे कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान पिछले 102 दिन से दिल्ली के सिंघु बॉर्डर टिकरी बॉर्डर सहित कई अन्य स्थानों पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं । हालांकि इसी दौरान किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच 11 दौर की बैठक हो चुकी है लेकिन सभी दौर बेनतीजा रहे ।
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