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पैदा होते ही गुम हो गए थे सुनील गावस्कर, बड़े होकर बनाए कई वर्ल्ड रिकॉर्ड,जानिए चिंटू के बारे में कुछ रोचक बातें

टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अपनी किताब में एक खुलासा किया। जिसमें उन्होंने कहा कि अगर किस्मत ने साथ नहीं दिया होता तो आज वह मुंबई के किसी समुद्र तट पर मछली पकड़ रहे होते। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन पर सुनील गावस्कर के बारे में कुछ खास बातें।

टीम इंडिया के दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने अपनी किताब में एक खुलासा किया। जिसमें उन्होंने कहा कि अगर किस्मत ने साथ नहीं दिया होता तो आज वह मुंबई के किसी समुद्र तट पर मछली पकड़ रहे होते। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन पर सुनील गावस्कर के बारे में कुछ खास बातें।

गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ किया डेब्यू 

सुनील गावस्कर सपने स्कूली दिनों से ही नंबर 3 के बल्लेबाज रहे। एक मैच में उनके कप्तान मिलिंद रेगे ने उन्हें ओपनिंग के लिए भेजा  और इसके बाद वह इसी रूप में खेलने लगे। घरेलू क्रिकेट में रनों की बौछार करने के बाद साल 1971 में वेस्टइंडीज दौरे पर गई टीम इंडिया का हिस्सा बने। पांच मैचों की इस सीरीज का पहला मैच वह उंगली में इंफेक्शन के चलते नहीं खेल पाए। पोर्ट ऑफ स्पेन में दूसरे टेस्ट मैच में उन्होंने डेब्यू किया।  इसमें सुनील गावस्कर ने 65 और नाबाद 67 रन बनाए। इस सीरीज में वह भारत की जीत के हीरो बने। वेस्टइंडीज के खिलाफ भारतीय टीम की यह पहली जीत थी । इसके बाद गावस्कर पूरी सीरीज में वेस्टइंडीज गेंदबाजों के लिए मुसीबत बन गए।  उन्होंने तीन शतक और दोहरे शतक के बल पर 774 रन बनाए। टेस्ट मैच में सर्वाधिक रनों का वर्ल्ड रिकॉर्ड सुनील गावस्कर ने बनाया जो अभी तक बरकरार है।

17 साल तक दुनियाभर के गेंदबाजों पर किया प्रहार

वेस्टइंडीज सीरीज के बाद अगले 17 साल तक गावस्कर भारतीय टीम के लिए सलामी बल्लेबाजी करते रहे। उनकी खास बात यह रही कि वह बिना हेलमेट के खेलते थे। उन्होंने दुनियाभर के तेज गेंदबाजों के सामने शानदार रन बनाए और अपने खेल को शिखर पर पहुंचाया। इसका नतीजा यह था कि वे रिटायर हुए तब रिकॉर्ड्स के शिखर पर थे। उन्होंने टेस्ट में सबसे ज्यादा 34 शतक बनाए और उन्होंने 10122 रन का रिकॉर्ड बनाया। सुनील गावस्कर पहले बल्लेबाज रहे जिन्होंने तीन बार टेस्ट की दोनों पारियों में शतक जमाए। 10 हजार टेस्ट रन बनाने वाले भी वह पहले बल्लेबाज हैं । वह पहले भारतीय बल्लेबाज रहे जो विकेट कीपिंग नहीं करते थे लेकिन फिर भी उन्होंने 100 कैच  लिए।

विंडीज टीम की धुलाई

80 के दशक में वेस्टइंडीज के पास सबसे घातक गेंदबाज हुआ करते थे। वेस्टइंडीज के पास उस समय कम से कम 7-8 गेंदबाज हमेशा होते थे। जो टेस्ट खेल सकते थे और जिनकी गेंदबाजी की स्पीड 140 से ज्यादा होती थी। गावस्कर ने इस टीम के खिलाफ भी सबसे ज्यादा रन बनाए और शतक जड़े। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 13 शतक और 2749 रन बनाए। वेस्टइंडीज के खिलाफ उनकी औसत 65 से ऊपर की थी। सुनील गावस्कर की बदौलत की टीम इंडिया ने 1976 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 404 रन का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।

अब बात करते हैं उनके जन्म के बारे में

10 जुलाई 1949 को मुंबई के पुरंदरिया अस्पताल में उनका जन्म हुआ। सुनील गावस्कर के जन्म के बाद उनके परिवार वाले उसे देखने के लिए अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में सुनील गावस्कर के एक रिश्तेदार ने देखा कि बच्चे के कान में एक छोटा सा छेद है। कुछ दिन बाद दोबारा जब वही रिश्तेदार अस्पताल गया तो देखा कि बच्चे के कान में छेद नहीं था। उन्हें शक हुआ कि बच्चा बदल दिया गया है। उन्होंने अस्पताल में हंगामा खड़ा कर दिया और अस्पताल वालों से इस बारे में पूछताछ की। नवजात सुनील गावस्कर को ढूंढा गया तो वह एक  मछुआरन के पास मिला। फिर बच्चे को अपनी असली मां के पास ले जाया गया। अपने जन्म के 22 साल बाद सुनील गावस्कर ने क्रिकेट की दुनिया में कदम रखा और ना केवल भारत बल्कि दुनिया के सबसे महान सलामी बल्लेबाजों में से एक बने। अपने जन्म के इस रहस्य के बारे में सुनील गावस्कर ने अपनी किताब में खुद खुलासा किया। उनका कहना था कि किस्मत ने जन्म के समय उनका साथ नहीं दिया होता तो वह मुंबई के समुद्र तट पर मछली पकड़ रहे होते।

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