गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि एक स्वतंत्र और खुला इंटरनेट बुनियादी बात है और भारत में इसकी लंबी परंपराएं हैं। सुंदर पिचाई ने कहा कि एक कंपनी के रूप में हम स्वतंत्र और खुले इंटरनेट के मूल्यों और इस में होने वाले लाभों के बारे में स्पष्ट रूप से जानते हैं।
सुंदर पिचाई ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में चुनिंदा पत्रकारों के साथ एक आभासी मंच बातचीत में कहा,” यह स्पष्ट रूप से शुरुआती दिन है और हमारे स्थानीय दल बहुत व्यस्त हैं। हम हमेशा हर देश के स्थानीय कानूनों का सम्मान करते हैं और रचनात्मक रूप से काम करते हैं। हमारे पास स्पष्ट पारदर्शिता रिपोर्ट है। हम जब सरकारी अनुरोधों का पालन करते हैं तो हम इसका उल्लेख अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट में भी करते हैं।”
पिचाई ने कहा कि स्वतंत्र और खुला इंटरनेट बुनियादी बात है और भारत में इसकी लंबी परंपराएं हैं। हम इसकी वकालत करते हैं और हम दुनिया भर के नियामकों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ते हैं। हम इन प्रतिक्रियाओं में भाग लेते हैं। उन्होंने आगे कहा कि कंपनी विधायी प्रक्रियाओं का सम्मान करती है और जिन मामलों में उससे पीछे हटने की जरूरत होती है, वह ऐसा करती है।
निजता के अधिकार का सम्मान
भारत सरकार में नए डिजिटल नियमों का पूरी निष्ठा के साथ बचाव करते हुए कहा कि निजता के अधिकार का सम्मान करती है और व्हाट्सएप जैसे संदेश मंचों पर को नए आईटी नियमों के तहत चिंहित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से नए नियमों को लेकर अनुपालन रिपोर्ट तलब की है।
विश्व की सबसे बड़ी सोशल मैसेजिंग कंपनी व्हाट्सएप ने सरकार के नए डिजिटल नियमों को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। जिसके 1 दिन बाद सरकार की यह प्रतिक्रिया आई है। व्हाट्सएप का कहना है कि कूट संदेशों तक पहुंच उपलब्ध कराने में निजता का बचाव कवच टूट जाएगा।
बता दे, केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया से जुड़े नए नियमों की घोषणा 25 फरवरी 2021 को की थी। इस नए नियम के तहत फेसबुक , टि्वटर , इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप , यूट्यूब और गूगल जैसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत की शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल है।