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श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शनकारियों को मिला करोड़ों का खजाना, भारत बना संकटमोचक

श्रीलंका में आर्थिक संकट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सरकारी भवन पर कब्जा कर लिया है । राजपक्षे अपने सरकारी आवास को छोड़कर कहीं गुप्त जगह पर चले गए हैं । इसी बीच प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन में करोड़ों रूपये का खजाना मिला है ।

श्रीलंका में आर्थिक संकट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के सरकारी भवन पर कब्जा कर लिया है । राजपक्षे अपने सरकारी आवास को छोड़कर कहीं गुप्त जगह पर चले गए हैं । इसी बीच प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन में करोड़ों रूपये का खजाना मिला है ।

श्रीलंका में आर्थिक संकट

आर्थिक संकट का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी रविवार के दिन राष्ट्रपति में पहुंच गए । जहां वे डटे हुए हैं । प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक राष्ट्रपति गोटबाया इस्तीफा नहीं देंगे , तब तक वे यहीं रुके रहेंगे ।

देश में मुलभुत सुविधाओं और आर्थिक संकट के कारण श्री लंका की हालत चिंताजनक बनी हुई है । राष्ट्रपति गोटबाया का कोई अतापता नहीं है । वह या तो मुल्क छोड़कर कहीं चले गए हैं या फिर किसी गुप्त स्थान पर छुपे हुए हैं । विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन में डेरा जमाए हुए हैं । जहां वे स्विमिंग पूल से लेकर राष्ट्र्पति के बेडरूम तक में मस्ती कर रहे हैं । इसी बीच प्रदर्शनकारियों को राष्ट्रपति भवन से करोड़ों रूपये का खजाना मिला है । जिसे उन्होंने पुलिस को सौंप दिया है । दूसरी तरफ भारत ने भी श्रीलंका की मदद के लिए 3.8 अरब अमेरिकी डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है ।

विदेश मंत्री ने कही ये बात

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई के हवाले से कहा ,” भारत ने इस वर्ष श्रीलंका में आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए 3.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर  से अधिक का अभूतपूर्व समर्थन दिया है । भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है ।क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों और मूल्यों, स्थापित संस्थानों और सवैंधानिक ढाँचे के माध्यम से समृद्ध और प्रगति लिए अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं ।”

विदेशमंत्री ने कहा ,” पीएम नरेंद्र मोदी की ‘पड़ोस पहले’ नीति के तहत सरकार देश के पड़ोसियों की जरूत को पूरा करने की कोशिश करने और उनकी मदद करने के लिए विशेष प्रयास करती है । हमने श्रीलंका को ‘लाइन ऑफ़ क्रेडिट’ दिया है ।  जिसके तहत भारत से जरुरी वस्तुएं उनके पास जा रही हैं ।  हमने उन्हें ईंधन की खरीद के लिए भी ‘ लाइन ऑफ़ क्रेडिट’ दिया है ।

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