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ईंधन और बैटरी खत्म, भारत के मंगलयान MOM का हुआ अंत

भारत के Mars Orbiter Mission को 5 नवंबर 2013 को 6 महींने की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था। आठ साल तक सेवाएं देने के बाद MOM का अंत हो गया है। ईंधन और बैटरी खत्म होने के बाद स्पेस सेंटर से मंगलयान का संपर्क खत्म हो गया है।

भारत के Mars Orbiter Mission को 5 नवंबर 2013 को 6 महींने की अवधि के लिए लॉन्च किया गया था। आठ साल तक सेवाएं देने के बाद MOM का अंत हो गया है। ईंधन और बैटरी खत्म होने के बाद स्पेस सेंटर से मंगलयान का संपर्क खत्म हो गया है।

450 करोड़ रूपये की लागत वाला भारत का मार्स ऑर्बिटर मिशन 5 नवंबर 2013 को सफलतापूर्वक लॉंन्च किया गया था। इस यान को पीएसएलवी सी-25 से प्रक्षेपित किया गया था। ISRO के वैज्ञानिकों ने इसे पहले ही प्रयास में मंगल की कक्षा में स्थापित कर दिया था। एमओएम , 24 सितंबर 2014 को सफलतापूर्वक मंगल ग्रह की कक्षा में स्थापित हो गया था। शुरू में मंगलयान को सिर्फ छह महींने के लिए भेजा गया था। जिसने लगभग आठ साल तक अपनी सेवाएं दी।

इसरो से जुड़े सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा ,” उपग्रह की बैटरी खत्म हो गई है। कोई ईंधन नहीं बचा है। संपर्क टूट गया है। ” हालांकि, इस बारे में इसरो की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक ब्यान नहीं आया है। बताया गया कि अंतरिक्ष यान में लगाई गई बैटरी को एक घंटे और चालीस मिनट के लिए डिजाइन किया गया था। लेकिन हाल ही में एक ग्रहण लगा। जिसकी अवधि करीब साढ़े सात घंटे तक की थी। चूँकि, बैटरी केवल 1 घंटा चालीस मिनट तक की चल सकती थी और लंबा ग्रहण लगने के कारण खत्म हो गई।

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मार्स ऑर्बिटर यान को केवल छह महीने की क्षमता के अनुरूप बनाया गया था। लेकिन इसने लगभग आठ सालों तक काम किया। MOM ने बहुत महत्वपूर्ण वैज्ञानिक परिणाम दिए।

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