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बजट 2019 है फिर या वोट बैंक बजट : शर्मा

पंचकूला : आम आदमी पार्टी ने  केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल द्वारा आज पेश किए गये बजट को भाजपा सरकार की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व पेश किया गया चुनावी घोषणापत्र करार दिया है। पार्टी ने कहा कि यह लेखानुदान नहीं, बल्कि वोट का हिसाब-किताब है।

भाजपा सरकार यह आम चुनाव बजट न होकर चुनावी घोषणापत्र है: योगेश्वर शर्मा

बजट में बहुसंख्यक भूमिहीन किसानों व श्रमिकों के लिए कुछ भी राहत नहीं है : शर्मा

पंचकूला : आम आदमी पार्टी ने  केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल द्वारा आज पेश किए गये बजट को भाजपा सरकार की ओर से आगामी लोकसभा चुनाव से पूर्व पेश किया गया चुनावी घोषणापत्र करार दिया है। पार्टी ने कहा कि यह लेखानुदान नहीं, बल्कि वोट का हिसाब-किताब है।

एक साल के बजट में 10 साल आगे की बात करना झूठी बात है। यह पूरी तरह से चुनावी जुमला है। इस बजट में बहुसंख्यक भूमिहीन किसानों व श्रमिकों के लिए कुछ भी राहत नहीं है।

आज यहां जारी एक ब्यान में आम आदमी पार्टी के अंबाला लोकसभा एवं जिला पंचकूला के अध्यक्ष योगेश्वर शर्मा ने कहा कि इस जुमला पार्टी को पांच साल तक तो आम लोगों की याद नहीं आई और अब जाते जाते लोगों को खुश करने का प्रयास किया  है। लेकिन इसके लिए हमारी अर्थ व्यवस्था तैयार है भी या नहीं इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा कि पिछले करीब पांच सालों में देश का कर्ज कम होने की बजाये बढ़ा है। बेरोजगारी की दर नोटबंदी के बाद दोगुणा हो गई है। इस बजट में बरोजगारों के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया।

आम आदमी पार्टी के अंबाला लोकसभा एवं जिला पंचकूला के अध्यक्ष योगेश्वर शर्मा ने आगे कहा कि एक ओर तो सरकार ने स्वर्ण जाति के लिए आरक्षण में जो शर्त रखी थी उसमें कहा गया था कि 8 लाख रुपये सालाना की आय वाला व्यक्ति ही इसका पात्र होगा। दूसरी ओर आज 5 लाख रुपये से ऊपर वाले को 20 प्रतिशत टैक्स वालों की श्रेणी में ले लिया गया है।ऐसे में इस सरकार को खुद ही नहीं पता कि उसकी नजरों में गरीब कौन है 8 लाख से कम आय वाला या 5 लाख रुपये अधिक की आया वाला ?इससे सरकार की बौखलाहट एवं सत्ता से जाने का डर साफ नजर आ रहा है।

श्री शर्मा ने कहा कि पूंजिपतियों का कर्ज माफ करने वाली इस सरकार ने किसानों के लिए कुछ नहीं दिया।

उन्होंने कहा कि मात्र पांच सौ रुपये महीना दिया गया है जोकि ऊंट के मूंह में जीरे के सामान है। किसानों को मिलने वाली आय सहायता 6000 रुपये सालाना जो दिया गया है, क्या यह उन्हें सम्मान और गरिमा के साथ जीने में सक्षम बनाएगा?

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