आम तौर पर आम आदमी को आईपीसी की धाराओं के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। इसीलिए उनके मन में डर बना रहता है कि पुलिस गिरफ्तार कर लेगी। लेकिन ऐसा नहीं है, भारतीय संविधान के अनुसार किसी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के लिए भी नियम और कानून बने हुए हैं।
गिरफ्तारी से पहले वारंट जारी करती है पुलिस
भारत में अगर किसी के खिलाफ वारंट निकलता है तो पुलिस उस आदमी को गिरफ्तार कर सकती है। ऐसे में वह चाह कर भी अपने बचाव में कुछ नहीं कर सकते या दूसरे शब्दों में कहें संबंधित शख्स खुद को पुलिस की गिरफ्तारी से नहीं बचा सकता। गिरफ्तार करने से पहले पुलिस वारंट को लेकर जानकारी भी देती है और जिस कारण से वारंट जारी किया जाता है उस बारे में भी बताती है ।लेकिन कई परिस्थितियों में बिना वारंट के भी गिरफ्तारी हो सकती है।
सिटिंग राष्ट्रपति और किसी राज्य के राज्यपाल, उपराज्यपाल को गिरफ्तार नहीं कर सकती पुलिस
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत पुलिस देश के राष्ट्रपति और किसी राज्य के राज्यपाल उप राज्यपाल को उसके कार्यकाल के दौरान गिरफ्तार नहीं कर सकती है। इसके अलावा किसी महिला को शाम 6:00 बजे के बाद यानी सूरज ढलने के बाद गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है। अगर ऐसा होता भी है तो महिला इसका विरोध कर सकती है। लेकिन अगर संगीन मामलों में गिरफ्तारी जरूरी है तो इसके लिए भी एक कानूनी प्रक्रिया होती है।
महिला की गिरफ्तारी के लिए विशेष नियम और कानून
खास मामले में अगर किसी महिला को गिरफ्तार किया जाना है तो इसके लिए सीआरपीसी की धारा 46 के तहत पहले संबंधित जिला मजिस्ट्रेट से मंजूरी लेनी होती है। मंजूरी लेने के बाद महिला को गिरफ्तार किया जा सकता है। ऐसा गंभीर मामलों में देखने को मिलता है। लेकिन महिला को गिरफ्तार करने के लिए भी महिला पुलिस का होना जरूरी है।