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जानिए एक अप्रैल को क्यों मनाया जाता है मूर्ख दिवस

पूरे विश्व में पूरे विश्व में 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1 अप्रैल को लोग एक दूसरे से हंसी मजाक करते हैं। उनका मूर्ख बनाते हैं और कोई भी इन बातों से बुरा नहीं मानता है।

पूरे विश्व में पूरे विश्व में 1 अप्रैल को मूर्ख दिवस के रूप में मनाया जाता है। 1 अप्रैल को लोग एक दूसरे से हंसी मजाक करते हैं। उनका मूर्ख बनाते हैं और कोई भी इन बातों से बुरा नहीं मानता है।

विश्व के कई हिस्सों में इस दिन को ऑल फूल्स डे के नाम से भी मनाया जाता है। जबकि पिछले चार पांच सालों से भारत में ‘फेकू दिवस’ के नाम से भी मनाया जाता है। हालांकि अप्रैल फूल डे हर साल 1 अप्रैल को ही मनाया जाता है। इस को लेकर आज तक कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है । लेकिन इस दिन के बारे में कुछ लोग मजेदार किस्से और कहानियां जरूर बताते हैं।

कुछ इतिहासकारों के अनुसार मूर्ख दिवस की शुरुआत 1582 में हुई थी। जब फ्रांस ने जूलियन कैलेंडर को छोड़कर गैर ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया था। दरअसल जूलियन कैलेंडर में नए साल की शुरुआत 1 अप्रैल से होती थी। लेकिन जब पोप जॉर्ज 9 ग्रेगोरियन कैलेंडर को शुरू किया तो लोग उस बदलाव के बारे में जान नहीं पाए और हर साल की तरह 1 अप्रैल को ही नया साल मनाने लगे । ऐसे में लोगों ने भी मजाक बनाया और उन्हें अप्रैल फूल कहा गया।

इसी कड़ी में टावर आफ लंदन का भी एक किस्सा मशहूर है। बताया जाता है कि लंदन में बार-बार लोगों के पास डाक से पोस्ट कार्ड के जरिए सूचना पहुंची कि 1 अप्रैल को शाम टावर आफ लंदन में सफेद गधों के स्नान का आयोजन होगा। इस कार्यक्रम को देखने के लिए आप लोग आमंत्रित हैं। कृपया अपने साथ इस पोस्टकार्ड को लेकर भी जरूर आएं।

बता दे, उस समय टावर ऑफ लंदन में आम लोगों को का प्रवेश वर्जित था । इसके बाद 1 अप्रैल की शाम को टावर ऑफ लंदन के पास हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठा हुई । प्रवेश के लिए धक्का-मुक्की होने लगी। तब लोगों को पता चला कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है । इसके बाद लोग घर लौट गए। तब से एक अप्रैल से मूर्ख दिवस मनाने का चलन शुरू हुआ।

मूर्ख दिवस से जुड़ा एक और किस्सा बहुत प्रचलित है। जब इंग्लैंड के राजा रिचर्ड द्वितीय का एक मजेदार किस्सा प्रचलित हुआ है। कहा जाता है कि रिचर्ड द्वितीय और बोहेमिया की रानी एनी ने ऐलान करते हुए कहा था कि 32 मार्च  1381 के दिन सगाई करने वाले हैं। यह खबर सुनकर लोग बहुत खुश हुए। जश्न मनाया। इस दिन के लिए तैयारियां करने लगे। लेकिन जब पता चला कि महीना तो 31 मार्च है। तो उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है। क्योंकि 32 मार्च तो कभी आएगा ही नहीं। तभी से 31 मार्च के अगले दिन यानी 1 अप्रैल को अप्रैल फूल डे मनाया जाता है।

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