ATM: भारत में एटीएम कम होने के मुख्य कारण, UPI ने तो वाट ही लगा दी
दिसम्बर 29, 2024 | by pillar
ATM in India: भारत में RBI के नियमों के कारण एटीएम मशीनों और कार्ड ट्रांजैक्शन में भारी गिरावट आ रही है। देश में एटीएम की संख्या कम होने के प्रमुख कारण जान लें।
ATM निकासी को UPI ने किया कम
देश में UPI के चलन के कारण कैश पेमेंट और नकद निकासी में भारी गिरावट आई है। गूगल पे, फोन पे, पेटीएम समेत अन्य डिजिटल मोड़ में ट्रांजैक्शन के कारण एटीएम मशीनों पर कम निकासी होती है।
ATM निकासी पर नहीं लगेगा चार्ज
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ रहा है। जिसकी खास वजह यूपीआई है। इसका सीधा असर एटीएम निकासी पर पड़ा है। यानि कि आजकल लोग एटीएम मशीनों से कम निकासी कर रहे हैं। गांवों के मुकाबले शहरों में डिजिटल ट्रांजैक्शन ज्यादा बढ़ रहा है।
ATM पर RBI के आंकड़े
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, देश में एटीएम की संख्या में भारी गिरावट दर्ज हुई है।
- सितंबर 2022 में एटीएम की संख्या 97072 थी।
- सितंबर 2023 में एटीएम की संख्या 219000 थी।
- सितंबर 2024 में देश में एटीएम की संख्या घटकर 215000 रह गई।
- सितंबर तक घटकर 87638 तक रह गई।
- कुल मिलाकर 9434 एटीएम कम हुए।
ATM मशीनों की कमी का कारण RBI के नियम
जब से आरबीआई ने एटीएम से फ्री कैश विड्रॉल की संख्या को घटाया और और नकद निकासी इंटरचेंज चार्ज बढ़ाया, तब से एटीएम पर ग्राहकों की संख्या कम होने लगी।
भारत में एटीएम का अनुपात
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में एक लाख लोगों के अनुपात पर केवल 15 एटीएम हैं। ऐसा इस लिए भी हुआ क्योंकि लगाने के नियम कड़े और खर्चीले भी हैं।
नकद निकासी कम हुई
2022 में भारत में नकद निकासी 89 प्रतिशत तक थी। जो जीडीपी का 12 फीसदी था। अब एटीएम निकासी पर चार्ज और समय लगने के कारण लोग यूपीआई मोड़ में पैसे का लेनदेन आसानी से कर लेते हैं। हालांकि, गूगल पे समेत कई प्लेटफार्म ने ट्रांजैक्शन पर सर्विस फीस लगाना शुरू कर दिया है।
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