मणिपुर हिंसा में अब तक 142 लोगों की मौत,सरकार ने अदालत को बताया
मणिपुर में 3 मई से शुरू हिंसा में अब 142 लोगों की मौत हो गई है। वहीं राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की संख्या 54488 है। विभिन्न मामलों में 5995 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।
मणिपुर हिंसा को लेकर राज्य सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी स्टेटस रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट से पता चला की राज्य में दो महीने से भी अधिक समय से जारी हिंसा में 142 लोगों की जान जा चुकी है। जिनमें से अधिकतर मौतें चुराचांदपुर, पूर्वी और पश्चिमी इंफाल में हुई हैं।
रिपोर्ट तलब
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने तीन जुलाई को एक आदेश के माध्यम से राज्य सरकार से हिंसा पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी ने अदालत को बताया कि 3 मई से 3 जून तक राज्य में 142 लोगों की हिंसा के कारण मौत हो चुकी है।
इन जिलों में हुई ज्यादा मौतें
जिनमें से सबसे ज्यादा मौतें पूर्वी और पश्चिमी इंफाल जिले में हुई हैं। इंफाल में सबसे ज्यादा 58 मौतें हुई हैं। मई में शुरू हुई हिंसा में इंफाल हिल गया था। बाद में हिंसा की घटनाएं पहाड़ी जिलों में भी शुरू हो गई थी। चुराचांदपुर जिला में विभिन्न हिंसक घटनाओं में 26 लोगों की मौत हुई है।
राज्य के बिष्णुपुर में 18 लोगों की मौत दर्ज की गई और काकचिंग जिला में 21 लोगों की मौत हुई है। कांगपोकपी जिले में 8 लोगों की मौत दर्ज की गई है। चंदेल जिला में 1, कामजोंग में 2 ,टेंगनोपाल में 4 और थौबल जिला में 4 लोगों की मौत दर्ज की गई है।
आगजनी की घटनाएं
मणिपुर सरकार ने अपनी रिपोर्ट में अदालत को बताया- 3 जुलाई तक आगजनी की 5053 घटनाएं हुई हैं। जिनमें से सबसे ज्यादा कांगपोकपी जिला में (1091) हुई हैं। इसके बाद चुराचांदपुर में 1043, पूर्वी इंफाल में 938 और बिष्णुपुर में 528 आगजनी की घटनाएं घटी हैं।
राहत शिविर
कहा गया कि राहत शिविरों में रहने वालों की संख्या बढ़ रही है। राज्य की रिपोर्ट के अनुसार, शिविरों में रहने वालों की संख्या 54488 हो गई है। अलग-अलग जगह पर 60 शिविर लगाए गए हैं।
मणिपुर में कुल 5995 एफआईआर दर्ज की गई हैं। जबकि 181 लोगों को गिरफ्तार किया जा चूका है। जिनमें से 108 लोगों को जमानत पर छोड़ दिया गया।